जालंधर में रेलवे कालोनियों के क्वार्टर कंडम, जगह-जगह बने छप्पड़, रेल मुलाजिमों ने की दुरुस्त करने की मांग
जालंधर स्टेशन के नजदीक रेलवे क्वार्टरों की चार कालोनियां थी जिनमें करीब 200 रेल क्वार्टर हैं। इनमें से करीब 160 पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं। इनकी वजह से रेलवे कालोनी के एरिया में बड़ी-बड़ी जंगली बूटी उगी हुई है और जगह-जगह दलदल बन चुके हैं।
जालंधर [अंकित शर्मा]। रेलवे की तरफ से कर्मचारियों को सुरक्षित और स्टेशन के नजदीक आवास के तहत ही क्वार्टर बनाए गए थे, मगर अब इन कंडम क्वार्टरों में न तो कोई रहना चाहता और न ही खाली होने के बाद यह भर रहे हैं। यही कारण है कि जालंधर स्टेशन के नजदीक रेलवे क्वार्टरों की चार कालोनियां थी, जिनमें करीब 200 रेल क्वार्टर हैं। इनमें से करीब 160 पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं। इनकी वजह से रेलवे कालोनी के एरिया में बड़ी-बड़ी जंगली बूटी उगी हुई है और जगह-जगह दलदल बन चुके हैं।
सूर्यास्त से पहले ही रेलवे कालोनियां पूरी तरह से सुनसान हो जाती है और राहगीरों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। यही नहीं अपराधिक गतिविधियों के लोगों की शरणास्थली भी बने, तभी तो वे आसानी से अपनी छीना झपटी की वारदातें करते मौके से छू मंतर हो जाते थे। इनमें अधिकतर लोगों को देर शाम व रात के समय घर लौटते समय ही लूटा गया है। गुरु नानक पुरा वेस्ट के सामने ही बीते पांच महीनों में सात से आठ वारदातें हो चुकी हैं, जिसमें किसी के पर्स, किसी को होटल में कुक का काम करते युवकों से मोबाइल फोन लूट, नकदी आदी लूटने की घटनाएं हो चुकी हैं।
कंडम क्वार्टरों में रहने वाले मुलाजिम और रेल यूनियन भी उठा चुकी मुद्दा
आस-पास के सभी रेल क्वार्टर कंडम हो जाने की वजह से जो भी गिने चुने रेल कर्मचारी इन क्वार्टरों में रहते हैं, उन्हें अपनी खुद की सुरक्षा की भी चिंता हो रहा है। वे कहते हैं कि अपराधिक गतिविधियों के लोगों की तरफ से निरंतर कालोनियों में वारदातें की जा रही है। उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन यूआरएमयू के ब्रांच सचिव विकास जेतली कहते हैं कि प्रत्येक कालोनी में करीब 2-3 क्वार्टर ही भरे हुए हैं, ऐसे में एक-एक मुलाजिम होने के कारण सभी को ड्यूटी से लौटते समय डर के साये में आते हैं। रेलवे को चाहिए की जल्द से जल्द कंडम क्वार्टरों को दुरुस्त कराने या उन्हें नया बनाने की तरफ ध्यान दे।