पंजाब में स्पोर्ट्स कल्चर ऐसे कैसे बढ़ेगा आगे, सीनियर कोच ना होने से जूनियर बनाए डीएसओ
एक बार फिर पंजाब खेल विभाग ने सीनियर कोच ना होने की वजह से जूनियर कोचों को कार्यकारी जिला खेल अधिकारी की कमान सौंपी है। एक वर्ष पहले भी कोचों को कार्यकारी जिला खेल अधिकारी का चार्ज सौंपा गया था।
जालंधर, जेएनएन। पंजाब सरकार सूब में स्पोर्ट्स कल्चर प्रमोट करने के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन हकीकत यह है कि खेल विभाग के पास सीनियर कोच तक नहीं हैं। खेल विभाग ने सीनियर कोच ना होने की वजह से जूनियर कोचों को कार्यकारी जिला खेल अधिकारी की कमान सौंपी है। एक वर्ष पहले भी कोचों को कार्यकारी जिला खेल अधिकारी का चार्ज सौंपा गया था लेकिन बाद में विभाग की अंदरुनी राजनीति के कारण इन कोचों से चार्ज वापस ले लिया था। गत सप्ताह एक बार फिर जूनियर कोचों को कार्यकारी जिला खेल अधिकारी के रूप में कार्यभार संभालने को कहा गया है।
डायरेक्टर स्पोर्ट्स ने फतेहगढ़ साहिब के जूनियर बास्केटबाल कोच को फतेहगढ़ साहिब व कपूरथला के जूनियर फुटबाल कोच को कपूरथला में ही डीएसओ का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। कपूरथला में डीएसओ जसमीत कौर परमानेंट हैं लेकिन उनकी नई तैनाती नहीं हुई है। विभाग ने कपूरथला की स्थायी कोच को नजरअंदाज करके जूनियर कोच की तैनाती की है। ढाई वर्ष पहले भी विभिन्न जिलों में कोचों ने कार्यकारी डीएसओ का पदभार संभाला था। बाद में उन्हें खेल विंग में वापस भेज दिया गया है। अब फिर दो जूनियर कोचों को डीएसओ का अतिरिक्त चार्ज दिया है, जिससे अन्य कोचों में निराशा पाई जा रही है। सभी जिलों में डीएसओ ना होने से कार्य के साथ-साथ खेल भी प्रभावित हो रही है।
जालंधर के साथ-साथ तरनतारन, नवांशहर, होशियारपुर, पठानकोट, फरीदकोट, बठिंडा, फाजिल्का, मानसा, मुक्तसर में भी डीएसओ का कार्यभार अतिरिक्त चार्ज के तौर पर ही देखा जा रहा है। कोचों का मानना है कि विभाग की तरफ से विभिन्न जिलों में खाली पड़े डीएसओ के पदों को स्थायी रूप से भरा जाए। कपूरथला की डीएसओ जसमीत को जालंधर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था। वह जालंधर का कार्यभार भी देख रही हैं।
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें