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नौकरी से निकाले जा चुके कांट्रेक्ट कर्मचारियों का दोबारा नौकरी पर रखेगी पंजाब रोडवेज, प्रक्रिया शुरू

पंजाब रोडवेज एवं पनबस ने कांट्रेक्ट पर ड्राइवर एवं कंडक्टर रखे थे। उन्हें विभिन्न कारणों के चलते नौकरी से फारिग कर दिया गया था। इनमें से कुछ मुलाजिम ऐसे भी थे जिन्हें प्रबंधन की तरफ से ब्लैक लिस्टेड घोषित किया गया था। अब उन्हें दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 05:56 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 08:18 AM (IST)
नौकरी से निकाले जा चुके कांट्रेक्ट कर्मचारियों का दोबारा नौकरी पर रखेगी पंजाब रोडवेज, प्रक्रिया शुरू
स्थायी नौकरी की मांग को लेकर कांट्रेक्ट कर्मचारियों का संघर्ष लंबे समय से चल रहा है।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। पिछले सात वर्षों के दौरान विभिन्न कारणों से पंजाब रोडवेज से निकाले जा चुके ठेका कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा। पंजाब रोडवेज प्रबंधन की तरफ आउट सोर्स कंपनी के जरिए ऐसे मुलाजिमों को दोबारा काम पर वापस ले लिया जाएगा। नौकरी पर दोबारा आने के इच्छुक कर्मचारियों को आउटसोर्स कंपनी के पास आवेदन करना होगा। पंजाब रोडवेज मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी प्रक्रिया शुरू किए जाने की पुष्टि की है।

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पंजाब रोडवेज एवं पनबस ने कांट्रेक्ट पर ड्राइवर एवं कंडक्टर रखे थे। उन्हें विभिन्न कारणों के चलते नौकरी से फारिग कर दिया गया था। इनमें से कुछ मुलाजिम ऐसे भी थे, जिन्हें प्रबंधन की तरफ से ब्लैक लिस्टेड घोषित किया गया था। अब प्रबंधन की तरफ से नौकरी से हटाए जा चुके एवं ब्लैक लिस्टेड किए जा चुके कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर लेने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। हालांकि यह लाभ उन कर्मचारियों को दिया जाएगा जो वर्ष 2014 के बाद नौकरी से हटाए जा चुके हैं।

हालांकि एक तरफ प्रबंधन की तरफ से ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर वापस लिए जाने की प्रक्रिया चालू की गई है। वहीं, दूसरी तरफ रेगुलर किए जा रहे कांट्रेक्ट कर्मचारियों के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है। बीते वर्ष के दौरान कई बार हड़ताल करने के बावजूद कर्मचारी रेगुलर नहीं हो सके हैं। हालांकि प्रदेश के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और रोडवेज प्रबंधन कई बार मुलाजिमों को रेगुलर करने संबंधी आश्वासन दे चुका है पर अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं की गई है। कांट्रेक्ट मुलाजिमों ने सितंबर और उसके बाद दिसंबर की शुरुआत में बड़ी हड़ताल की थी। इस कारण पूरे प्रदेश में सरकारी बसों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हो गया था। बाद में सरकार के नौकरी स्थायी करने के आश्वासन के बाद उन्होंने हड़ताल वापस ली थी। 

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