पंजाब में महिला यात्रियों की फ्री बस यात्रा में रोड़ा बने कंडक्टर, छोटे स्टेशनों के लिए बिठाने से कर रहे इनकार
सरकारी बसों के कंडक्टर छोटे स्टेशनों के लिए महिला यात्रियों को बस में सवार ही होने नहीं दे रहे हैं। इस वजह से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल छोटे शहरों से शहर की तरफ आने वाली महिला यात्रियों का भी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। महिलाओं के लिए सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा पंजाब सरकार ने दी है, लेकिन महिला यात्रियों को सरकारी बसों के कंडक्टरों की मनमर्जी का शिकार होना पड़ रहा है। सरकारी बसों के कंडक्टर छोटे स्टेशनों के लिए महिला यात्रियों को बस में सवार ही होने नहीं दे रहे हैं। इस वजह से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यही हाल छोटे शहरों से शहर की तरफ आने वाली महिला यात्रियों का भी है। उनके लिए बसों को रोका ही नहीं जा रहा है। प्रोफेसर मनप्रीत कौर ने कहा कि वह रोजाना करतारपुर के लिए अप-डाउन करती हैं, लेकिन रोजाना उन्हें सरकारी बसों में सवार करवाने से कंडक्टर आनाकानी करते हैं। उन्होंने कहा कि करतारपुर से जालंधर वापसी के लिए भी महिला यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि अमृतसर, तरनतारन, बटाला आदि के तरफ से आ रही बसों को करतारपुर में रोका ही नहीं जाता है। इस वजह से जालंधर पहुंचने को लेकर ही भारी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
प्रोफेसर सुखविंदर कौर ने कहा कि महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा की सुविधा सरकार ने दी है। इसमें सरकारी स्टाफ का महिलाओं से दुर्व्यवहार करना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जालंधर शहर से छावनी, नूरमहल बिलगा की तरफ तो सरकारी बसों की फ्रीक्वेंसी कम कर दी गई है, जिस वजह से महिला यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लेक्चरर पूनम शर्मा ने कहा कि समय पर स्कूल पहुंचने के लिए बस का मिल पाना ही चुनौती बनकर रह गया है। सरकारी बसों की तरफ से महिला यात्रियों को रास्ते में न तो सवार करवाया जा रहा है और न ही छोटे स्टेशनों पर उतारा जा रहा है। ऐसी सुविधा का कोई फायदा नहीं है। सरकारी बस परिवहन सेवा लोगों को सर्विस देने के लिए होती है न कि स्टाफ की मनमर्जी के लिए।
ऐसे स्टाफ सदस्य पर होगी कार्रवाईः डिप्टी डायरेक्टर
इस बारे में पंजाब रोडवेज के डिप्टी डायरेक्टर परनीत सिंह मिन्हास ने कहा कि महिला यात्रियों के साथ सभ्य तरीके से पेश आने के दिशा निर्देश पहले ही स्टाफ को दिए जा चुके हैं। अगर कोई छोटे स्टेशनों पर बस नहीं रोकता है तो संबंधित स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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