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Refined Oil Price Fall: जालंधर में रिफाइंड तेल के दाम 15 रुपये तक घटे, आम आदमी तक नहीं पहुंची राहत

मई के आरंभ में जो ब्रांडेड रिफाइंड आयल का पैकेट 180 रुपये में बेचा जा रहा था उसकी कीमतें कम होकर 165-170 रुपये तक रह गई हैं। पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद केंद्र सरकार का महंगाई को नियंत्रित करने का यह दूसरा बड़ा प्रयास है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 03:44 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 03:46 PM (IST)
Refined Oil Price Fall: जालंधर में रिफाइंड तेल के दाम 15 रुपये तक घटे, आम आदमी तक नहीं पहुंची राहत
केंद्र सरकार ने सनफ्लावर आयल पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस हटा दिया है। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। केंद्र सरकार ने सनफ्लावर आयल पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस हटा दिया है। इसके बाद रिफाइंड के दामों में गिरावट होने से आम लोगों को खाद्य तेलों की महंगाई से थोड़ी राहत मिली है। विभिन्न ब्रांड के रिफाइंड आयल के पैकेट के दामों में 12 से लेकर 15 रुपये तक की गिरावट हो चुकी है। आने वाले दिनों में दामों में और भी कटौती के आसार हैं। केंद्र सरकार की ओर पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद महंगाई को नियंत्रित करने का यह दूसरा बड़ा प्रयास है। इसका जनता को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

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पांच प्रतिशत हुई दामों में गिरावट

मई के आरंभ में जो ब्रांडेड रिफाइंड आयल का पैकेट 180 रुपये में बेचा जा रहा था, उसकी कीमतें कम होकर 165-170 रुपये तक रह गई हैं। इसी तरह 160 प्रति लीटर बिक रहा रिफाइंड कम होकर 145 रुपये तक रह गया है। बताया जा रहा है कि जुलाई के अंत में सनफ्लावर आयल की भारी आमद के बाद दामों में और भी गिरावट हो सकती है।

यूक्रेन और रूसे के युद्ध के बाद बढ़े दाम

दरअसल, यूक्रेन तथा रूस के मध्य युद्ध के दौरान देश भर में रिफाइंड आयल के दामों में भारी उछाल आया था। रिफाइंड के एक लीटर पैकेट में 20 से 25 रुपये तक का इजाफा हो गया था। सनफ्लावर आयल की आमद सामान्य होने के चलते दामों में कुछ गिरावट भी हुई थी, लेकिन इस दौरान सनफ्लावर आयल पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस में राहत नहीं दी गई थी। वहीं इस बार केंद्र सरकार ने आईडीएस में छूट दी है, जिसका असर दामों पर पड़ा है।

थोक व्यापारियों ने घटाए रेट, रिटेल ने नहीं

केंद्र सरकार की ओर से राहत दिए जाने के बाद भी रिटेल उपभोक्ताओं को खासा लाभ नहीं मिला है। कारण, मिलों के बाद थोक व्यापारियों ने तो दामों में कटौती कर दी है, लेकिन रिटेल दुकानदार अब भी पुराने रेट पर ही माल बेच रहे हैं। इस बारे में करियाना के थोक कारोबारी राजेश सोनी बताते हैं कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेल हटाने के बाद पीछे से ही दामों में गिरावट हो गई है। प्रतिस्पर्धा के दौर में रिफाइंड के दामों में तत्काल प्रभाव से गिरावट कटौती कर दी गई है।


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