ठेकेदारों का दावा, सरकार नाजायज शराब की बिक्री रुकवाने का दिखावा कर लुभाने में लगी
शराब ठेकेदारों ने फरवरी में ही पुराने ठेकों को अतिरिक्त फीस देकर रिन्यू करवा लिया था लेकिन कुछ शराब ग्रुपों को नाजायज शराब की बिक्री का आरोप लगा लेने से इन्कार कर दिया था।
जालंधर, जेएनएन। लॉकडाउन के बीच पंजाब सरकार की तरफ से नाजायज शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने की अचानक तेज हुई कवायद सभी को हैरान कर रही है। सरकार ने अफसरों को चेतावनी है कि अगर किसी इलाके में अवैध शराब की बिक्री होती पकड़ी गई तो उस इलाके के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके बाद से अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ पुलिस अचानक सख्त हो गई है। वहीं, शराब ठेकेदार इस सख्ती को पेंडिंग शराब ग्रुपों की अलॉटमेंट से जोड़ रहे हैं।
अफसरशाही से घबराकर सात दिन की हड़ताल खत्म कर अचानक से शराब ठेके खोल देने वाले ठेकेदारों का तर्क है कि सरकार अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती मात्र इस वजह से कर रही है कि मार्च माह के दौरान तमाम कोशिशों के बावजूद जो शराब के ग्रुप अलॉट नहीं हो सके हैं, उन्हेंं किसी तरह से ठेकेदारों को अलॉट किया जा सके ताकि सरकार को रेवेन्यू मिल सके।
शराब ठेकेदारों ने बीते फरवरी माह में ही शराब पॉलिसी के मुताबिक पुराने ठेकों को अतिरिक्त फीस देकर रिन्यू करवा लिया था, लेकिन कुछ शराब ग्रुपों को इस वजह से लेने में गुरेज किया था कि संबंधित इलाके में नाजायज शराब की बिक्री होती है और इस वजह से भारी-भरकम नुकसान होता है। इसके बाद आबकारी विभाग की तरफ से ठेकेदारों को लुभाने के लिए अलॉट न होने वाले ग्रुपों की लाइसेंस फीस भी कम कर दी गई, बावजूद शराब ठेकेदारों ने ऐसे शराब ग्रुपों को लेने से मना कर दिया। इस तरह तीन बार इनके टेंडर लेने के लिए किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
जालंधर में 47 में से 29 ग्रुप ही अलॉट
जालंधर शहर में ही नाजायज शराब की बिक्री के आरोप के चलते 47 में से 29 ग्रुप ही अलॉट हुए थे। इनमें फिल्लौर, नकोदर, शाहकोट जैसे ग्रामीण इलाके भी शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक पंजाब भर में लगभग 800 करोड़ के शराब ग्रुप अलॉट नहीं हो सके हैं। हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं है।
ठेकेदार बोले- कम से कम सरकार ने मानी अवैध शराब बिक्री की बात
अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर शराब ठेकेदारों का कहना है कि अब पंजाब की अफसरशाही ठेकेदारों पर दबाव बना रही है कि जो शराब ग्रुप अलॉट नहीं हो सके हैं, उन्हें भी आप अलॉट करवाओ। ठेकेदारों का तर्क है कि सरकार ने नाजायज शराब की बिक्री और तस्करी पर कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी कर कम से कम यह तो साबित कर ही दिया है कि राज्य में अवैध शराब की बिक्री भी हो रही है और अन्य राज्यों से शराब की तस्करी भी होती है, जिससे शराब का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित है।