पंजाब के हाकी ओलिंपियन वरिंदर सिंह का निधन, 1972 के ओलिंपिक में देश को दिलाया था कांस्य पदक
वर्ष 1972 की समर ओलंपिक में देश को कांस्य पदक जिताने वाले ओलिंपियन वरिंदर सिंह हिस्सा थे। वे फील्ड हाकी खिलाड़ी के रूप से जाने जाते थे। 75 वर्षीय वरिंदर सिंह को हाकी से इतना प्यार था कि अभी भी खिलाड़ियों को हाकी के गुर सिखा रहे थे।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब के हाकी प्रेमियों के लिए बुरी खबर आई है। जर्मनी में वर्ष 1972 की समर ओलिंपिक में देश को कांस्य पदक जिताने वाले ओलिंपियन वरिंदर सिंह का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे जालंधर के धन्नोवाली गांव में रहते थे। ओलंपियन वरिंदर सिंह पिछले एक सप्ताह से बीमार थे। उन्हें निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। उनका अंतिम संस्कार गांव धन्नेवाली में शाम को किया जाएगा। सुरजीत हाकी सोसाइटी के महासचिव इकबाल सिंह संधू ने यह जानकारी दी है।
75 वर्षीय वरिंदर सिंह को हाकी से इतना प्यार था कि अभी भी खिलाड़ियों को हाकी के गुर सिखा रहे थे। लायलपुर खालसा कालेज फार वूमेन की हाकी टीम व राउंड ग्लास हाकी एकेडमी के सीनियर कोच के रूप में भूमिका में नजर आ रहे थे।
उन्होंने देश को कई खिलाड़ी दिए है। भारतीय महिला हाकी टीम व भारतीय पुरुष हाकी टीम में शामिल पंजाबी खिलाड़ियों को भी हाकी के गुर सिखाते रहे है। वरिंदर सिंह फील्ड हाकी खिलाड़ी के रूप से जाने जाते थे। वर्ष 1985 से 1193 तक पंजाब एंड सिंध बैंक हाकी टीम में बतौर कोच की सेवाएं भी दे चुके है। वर्ष 2008 पंजाब खेल विभाग में बतौर कोच की भूमिका में थे। वरिंदर सिंह का अंतिम संस्कार दोपहर 3.30 बजे धन्नोवाली के श्मशान घाट में किया जाएगा। ओलंपियन वरिंदर सिंह के नाम पर कई पदक हैं। उनके निधन पर विधायक परगट सिंह सहित कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।
ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से थे सम्मानित
वरिंदर सिंह ने वर्ष 1975 में कुआलालंपुर में पुरुष हाकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हाकी टीम का हिस्सा थे। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 2-1 गोल से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। विश्व कप में भारत का अब तक का एकमात्र स्वर्ण पदक है। वरिंदर एम्सटरडम में 1973 विश्व कप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे। वरिंदर की मौजूदगी वाली टीम ने 1974 और 1978 एशियाई खेलों में भी रजत पदक जीता। वह 1975 मांट्रियल ओलिंपिक में भी भारतीय टीम में शामिल थे। वरिंदर को 2007 में प्रतिष्ठित ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
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