छात्राें की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हाेगी प्रभावित, सरकार ने 12वीं कक्षा के 48014 विद्यार्थियों काे भेजे स्मार्टफोन
अगस्त माह में बच्चों को Smartphone बांटने का क्रम शुरू किया गया। अब अगले चरण में बाकी बच्चों को स्मार्टफोन देने के लिए कदम बढ़ाया है।
जालंधर, [अंकित शर्मा]। स्मार्टफोन (Smartphone) ना होने पर अब बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं रुकेगी। क्योंकि पंजाब सरकार राज्य भर के सरकारी स्कूलों के 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले 48014 बच्चों के लिए स्मार्टफोन भेज दिए हैं। अब वह स्मार्टफोन (Smartphone) की मदद से ऑनलाइन पढ़ाई के क्रम को जारी रख सकेंगे। कोविड-19 की वजह से 18 मार्च से ही सभी स्कूल बंद हैं और उसके बाद से ऑनलाइन पढ़ाई का क्रम चल रहा है। मगर बच्चे स्मार्टफोन ना होने की वजह से ऑनलाइन क्लास समय पर अटेंड नहीं कर पा रहे थे।
इसके चलते राज्य सरकार की तरफ से प्राथमिक तौर पर बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्मार्टफोन (Smartphone) देने का प्लान बनाया गया, जिसमें राज्य भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों ने अपने अपने अधीन सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल व शिक्षकों की मदद से उन बच्चों का रिकॉर्ड तैयार किया गया जो स्मार्टफोन ना होने की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई अटेंड नहीं कर पा रहे हैं।
अगस्त माह में बच्चों को स्मार्टफोन बांटने का क्रम शुरू किया गया। अब अगले चरण में बाकी बच्चों को स्मार्टफोन देने के लिए कदम बढ़ाया है। जिसके तहत 48014 स्मार्टफोन सुबह के सरकारी स्कूलों में पहुंच गए हैं।
इन जिलाें काे भेजे गए स्मार्टफोन
जालंधर के 2016, लुधियाना के 2429, कपूरथला के 1532, अमृतसर के 1807, होशियारपुर के 2649, फरीदकोट के 1795, श्री फतेहगढ़ साहिब 1781, फाजिल्का के 3368, फिरोजपुर के 2033, मानसा के 1930, मोगा की 1814, श्री मुक्तसर साहिब के 1753, पठानकोट के 1494, रूपनगर के 1112, एसएएस नगर के 2096, एसबीएस नगर के 1207, बरनाला के 1242, गुरदासपुर के 3632, संगरूर के 2961 और बठिंडा में 4579 विद्यार्थियों को स्मार्टफोन भेजे गए हैं। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों और 11वीं कक्षा के बच्चों को स्मार्ट को दिए जाने हैं।
घाेषणापत्र में किया था वादा
पंजाब की कांग्रेस सरकार ने चुनाव में युवाओं से किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में गत वर्ष डेरा बाबा नानक में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि जल्द ही स्मार्टफोन (Smartphone) का वितरण शुरू किया जाएगा। पहले चरण में 11वीं और 12वीं की छात्राओं को फोन देने का फैसला किया गया था।