पंजाब में युवाओं का कैसे हो नशा से बचाव, सरकार करेगी नए उपाय
पंजाब सरकार युवाओं को नशे के चंगुल से मुक्त कराने व इस दलदल में फंसने से बचाने के लिए नए उपाय करेगी। इसके लिए राज्य में सर्वे हाेगा। छह माह के सर्वे में उपाय तलाशे जाएंगे।
जालंधर, [जगदीश कुमार]। पंजाब में नशे को लेकर इस माह के अंत से सबसे बड़ा सर्वे होने वाला है। छह माह तक चलने वाले सर्वे में नशे की लत के कारण, उसके समाधान से लेकर केस स्टडी का अध्ययन किया जाएगा। नशे के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक प्रभाव पर किए जाने वाले सर्वे में सवाल किए जाएंगे।
सरकार लगाएगी पता-नशे की लत कैसे पड़ी और कैसे होगी दूर, होगा सबसे बड़ा सर्वे
नशे का खात्मा करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आइसीएसएसआर) व सेंटर फार रिसर्च इन रूरल एंड इंडस्ट्रियल डवलपमेंट (क्रिड) पंजाब के पांच जिलों में नशे पर सर्वे करेगी। इससे पहले आइसीएसएसआर ने नशे को लेकर जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान में सर्वे पूरा भी कर लिया है।
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आइसीएसएसआर के निर्देश पर नशे का सर्वे करने वाले सेंटर फार रिसर्च इन रूरल एंड इंडस्ट्रियल डवलपमेंट (क्रिड) के प्रोजेक्ट हेड डॉ. आरएस घुम्मण को कमान सौंपी गई है। फरवरी के अंत में शुरू होने वाला सर्वे छह माह तक चलेगा। क्रिड पांच जिलों में स्थित ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर्स व जेलों का दौरा करके 100 नशा पीडि़तों और उनके परिवारों को मिलेगी। इसमें सेहत विभाग की टीमें भी शामिल की गई हैं। नशे की लत और इसके सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक प्रभाव पर किए जाने वाले सर्वे में सवाल किए जाएंगे।
नशे की जड़ तक पहुंचेगा सर्वे
(क्रिड) के प्रोजेक्ट हेड डॉ. आरएस घुम्मण ने बताया कि पंजाब में नशे को लेकर अब तक का सबसे बड़ा और विस्तारपूर्वक सर्वे होने जा रहा है। टीम में डॉ. गुरिंदर कौर व डॉ. जतिंदर सिंह को शामिल किया गया है। टीम गुप्त रूप से सर्वे करेगी। नशा कर रहे, नशा छोड़ चुके व दोबारा नशे में पड़े तथा जेलों में बंद नशा करने व बेचने वालों, नशा छुड़ाओ केंद्रों में लोगों व उनके परिजनों को मिलेगी। उनके नाम की कोर्डिंग की जाएगी। उनके साथ ग्रुप वार्ता व केस स्टडी की जाएगी।
सर्वे छह माह तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस सर्वे में सामने आए पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए योजना तैयार कर सरकार को दी जाएगी। नशे को दूर कैसे किया जाए, सामाजिक व आर्थिक रूप में आने वाली समस्याओं का समाधान करने व भविष्य में नशे को कैसे बंद किया जाए, जैसे तथ्यों पर फोकस रहेगा। इससे पहले गठबंधन सरकार ने सोसायटी फार प्रमोशन ऑफ यूथ एंजड मासिस, एम्स नई दिल्ली, सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट भारत सरकार व सेहत विभाग पंजाब की ओर से सर्वे करवाया गया था। उसमें शिक्षित युवाओं में नशे की लत अधिक पाई गई थी।
नशे के खिलाफ शुरू होगी नई पहल
सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. जसपाल कौर का कहना है कि विभाग की ओर से सर्वे के लिए अनुमति दी जा चुकी है। सर्वे में सामने आने वाले तथ्यों से नशे को खत्म करने के लिए नई राह मिलेगी। सर्वे से पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को बल मिलेगा। सर्वे यूथ को नशे की दलदल निकालने के लिए कारगर सिद्ध होगा।
इन सवालों पर रहेगा फोकस
-शहरों व गांवों में किस तरह के नशे का इस्तेमाल हो रहा है?
-ज्यादातर नशा करने वालों की उम्र और कमाई का जरिया क्या है?
-नशे की लत कैसे पड़ी?
-नशा छुड़ाने के लिए परिवार की क्या भूमिका रही?
-समाज और सरकार के स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
-नशा पीडि़तों के इलाज और पुनर्वास के लिए राज्य सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका?
-नशा छुड़ाने में परिवार, समाज और सरकार द्वारा किया जाने वाला खर्च?
-नशा पीडि़तों के परिवार खासकर मां-बाप, पत्नी और बच्चों पर असर?
-नशा पीडि़त एड्स या अन्य बीमारियों से पीडि़त तो नहीं?
-नशा पीडि़तों को पुनर्वास में आ रही समस्या को लेकर परिजनों, समाज, एनजीओ, पुलिस पर राजनेताओं की छवि, नशाखोरी के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव। सर्वे में शामिल 5 राज्यों में नशाखोरी और पीडि़तों के पुनर्वास का तुलनात्मक अध्ययन, नशे के खात्मे पर प्रभावी पॉलिसी।
इन जिलों में होगा सर्वे
अमृतसर, बठिंडा, लुधियाना, जालंधर, संगरूर।