सभी सरकारी स्कूलों में बनेंगे एजुकेशन पार्क, Thinking Point बढ़ाएंगे बच्चों का ज्ञान
स्कूलों में एजुकेशनल पार्क बनाने व उसका रूप तय करने के लिए सभी सब्जेक्ट टीचर व आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर को मिलकर काम करने के लिए कहा गया है।
जालंधर [अंकित शर्मा]। स्कूलों में बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए एजुकेशन पार्क बनाने का प्रयास सफल रहा है। अब शिक्षा विभाग ने राज्य भर के सभी स्कूलों में पार्क बनाने के लिए कह दिया है। वे जगह और सुविधा के अनुसार पार्क का आकार घटा-बढ़ा सकते हैं। एजुकेशन पार्क में थिंकिंग प्वाइंट भी होगा, जहां बैठ कर बच्चे विषय संबंधी शंकाओं को दूर करने संबंधी सोच-विचार करेंगे या जानकारी हासिल कर उसे अपनी कॉपी में दर्ज कर सकेंगे। इसके लिए आइडिया बाक्स (नया विचार) भी लगाए जाएं, ताकि बच्चों को लगे कि पार्क में और क्या नया कर सकते हैं। उनके मन में कोई अच्छा विचार आता है तो वे अपने उस विचार को बॉक्स में डाल सकते हैं।
स्कूलों को लगता है कि उनके यहां बेकार सामान ज्यादा पड़ा है तो वे इसका इस्तेमाल पार्क में या मॉडल बनाने में कर सकते हैं। सिंगल बिल्डिंग स्कूल (जहां मैदान की जगह नहीं) अपने प्रयास से कमरों व दीवारों पर पार्क का रूप दे सकते हैं। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि प्रयास यह है कि सेल्फ लर्निंग एन्वायरमेंट के तहत स्कूलों का विकास कर उन्हें नया रूप देना है ताकि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे किसी भी पक्ष से पीछे न रहे।
इन स्कूलों में बने पार्क
शहर में सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल लाडोवाली रोड, सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल लाडोवाली रोड, सरकारी मिडिल स्कूल अवतार नगर में एजुकेशन पार्क तैयार करके दिखा दिए है।
सब्जेक्ट व आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर तैयार करें पार्क
स्कूलों में एजुकेशनल पार्क बनाने व उसका रूप तय करने के लिए सभी सब्जेक्ट टीचर व आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर मिलकर योजना बनाएं व काम शुरू करें। इससे प्रत्येक मॉडल खास और गुणात्मक रहेगा। अध्यापकों को यह भी ध्यान रखना होगा कि यह पार्क सिलेबस से भी जुड़ा हो ताकि बच्चे अपने विषय संबंधी सही जानकारी हासिल कर सकें।
बरसात से बचाने का भी रखें ध्यान
यह पार्क बच्चों के लिए अनमोल साबित होने हैं। इसलिए पार्क में बनाए जाने वाले मॉडल ऐसे हों कि बरसात-धूप आदि में खराब न हों। अगर इन्हें तैयार करने के बाद इनका ख्याल ही नहीं रखा तो कुछ समय बाद तो ये वैसे ही खराब हो जाएगा। इसलिए इनका ख्याल अवश्य रखें। इसके अलावा बनाए जाने वाले मॉडल की सुरक्षा संबंधी बच्चों को भी जागरूक करते रहें।
एजुकेशन पार्क के लिए इन बातों को रखें ख्याल
- एजुकेशन पार्क के लिए बनाए जाने वाले मॉडल के लिए अध्यापक फाइबर, प्लास्टिक, लोहा, सीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- स्कूल में पड़े अतिरिक्त सामान, बेकार सामान का प्रयोग कर पार्क व माडल बनाने में कर सकते हैं।
- पार्क में थ्री-डी मॉडल, पाइथागोरस हाइट, डिस्टेंस ग्राफिक बोर्ड, जियो बोर्ड बनाएं।
- पार्क में थ्री-डी मॉडल वर्किंग रूप में भी तैयार करवाए जा सकते हैं।
- बच्चों को पाठ्यक्रम में रूचि बढ़ाने के लिए पजल संख्या, रेखाएं, चक्कर आदि बनाए जा सकते हैं।
- पार्क में थिंकिंग प्वाइंट बने जहां बैठकर बच्चे सोच-विचार कर सकें।
- पार्क में लगे मॉडल की जानकारी पंजाबी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में विस्तृत रूप से होनी चाहिए।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें