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बहीखाताः पैग लेकर पीछे भाग रही ये सरकार पर जनता नहीं जाम को तैयार

अफसरशाही ठेकेदारों को विश्वास दिलाने में जुटी हुई है कि अवैध शराब की बिक्री होने नहीं देंगे। ठेकेदारों को पेंडिंग ठेके देने के लिए डिस्काउंट तक की भी ऑफर है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 01:06 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 01:06 PM (IST)
बहीखाताः पैग लेकर पीछे भाग रही ये सरकार पर जनता नहीं जाम को तैयार
बहीखाताः पैग लेकर पीछे भाग रही ये सरकार पर जनता नहीं जाम को तैयार

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। जब से ठेके खुले हैं तब से सरकार पैग हाथ में लेकर लोगों के पीछे भागती दिखाई दे रही है। हालात ऐसे हैं कि ठेकेदार शराब बेचने को तैयार नहीं है और लोग शराब पीने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। बावजूद इसके सरकार अपना खजाना भरने को न केवल बिक्री बढ़ाना चाह रही है, बल्कि शराब बिक्री को बूस्ट देने की कोशिश में है। सरकार शराब की बिक्री बढ़ाने को लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सारी अफसरशाही ठेकेदारों को विश्वास दिलाने में जुटी हुई है कि अवैध शराब की बिक्री होने नहीं देंगे। ठेकेदारों को पेंडिंग ठेके देने के लिए डिस्काउंट तक की भी ऑफर है। मसला तो यहीं फस रहा है कि लॉकडाउन में लोगों को चिंता खाने की है तथा सरकार की कवायद शराब पिलाने की है। बिन पिलाए मानने को तैयार नहीं।

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चल सकता है किराये का चाबुक

सरकार ने कर्फ्यू हटा कर लॉकडाउन में बसें चलाने की अनुमति तो दे डाली है, लेकिन यात्रियों का सारा भार मात्र सरकारी बसें ही उठाती दिखाई दे रही हैं। निजी बस ऑपरेटर शारीरिक दूरी के सिद्धांत के मुताबिक 25 यात्रियों के साथ बसों के संचालन को घाटे का सौदा करार दे रहे हैं। किराये बढ़ाने के साथ अड्डा फीस, टोल टैक्स तथा स्पेशल रोड टैक्स खत्म करने की मांग भी कर रहे हैं। लेकिन खाली खजाने वाली सरकार के लिए अड्डा फीस, टोल टैक्स, रोड़ टैक्स आदि खत्म करना संभव नहीं है। वजह यह है कि सरकार ने बस स्टैंड से लेकर सड़क तक सब कुछ ठेके पर दे रखा है। ऐसे में फिर अटकलें लगनी लगी हैं कि राज्य में बस ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को बचाने के लिए सरकार किराये में इजाफा कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो गरीब जनता को कोरोना के बाद महंगाई डायन का वायरस काट खाएगा।

फेल हो गया उड़ान का प्लान

देशभर में लॉकडाउन है। जनजीवन को रफ्तार देने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों को शुरू करने का निर्णय लिया। फिर क्या था, महानगर में भी विमान उड़ान भरने के लिए तैयार हो गया। लोग एक दूसरे को आदमपुर से फ्लाइट शुरू होने की जानकारी फोन पर देने लगे। बातचीत कुछ इस तरह से की जाने लगी कि शायद जैसे फ्लाइट बंद होने की वजह से ही देश ही रुक गया था। हालांकि एक दूसरे को फ्लाइट शुरू होने का संदेश देने वालों में अधिकतर ऐसे भी थे, जिन्होंने आादमपुर से दिल्ली तक हवाई सफर तो दूर आदमपुर का हवाई अड्डा भी नहीं देखा है। इस बीच चर्चा पिंक सिटी जयपुर की फ्लाइट की होने लगी। देखते ही देखते चर्चा मुंबई की फ्लाइट पर पहुंच गई। लेकिन रविवार शाम ढलते ही पता यह चला कि पहले ही दिन दिल्ली तक की फ्लाइट शुरू करने का प्लान ही फेल हो गया।

कपड़ों का रंग ही उड़ने लगा

सरकार ने कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन के छिड़काव को प्रतिबंधित कर रखा है लेकिन लोग फिर भी नहीं मानते। जरूरत से ज्यादा संवेदनशील लोग तो सरकार की तरफ से किए जा रहे छिड़काव तक का इंतजार नहीं कर रहे हैं। खुद ही बाजार से लाकर सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवा रहे हैं। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि यदि छिड़काव के लिए इसका सॉल्यूशन बनाना ही है तो पानी में कितनी मात्रा में इसे मिलाना है। जानकारी के अभाव का नतीजा यह निकला है कि लोग सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन को बिना पानी में मिलाए ही इसका छिड़काव कर रहे हैं। इससे रंगीन कपड़ों का रंग ही उड़ने लगा है। ऐसे में शहर के ड्राईक्लीनरों की भी निकल पड़ी है। उनका कहना है कि लोग कपड़े ड्राई क्लीन करवाने तो नहीं आ रहे, लेकिन कपड़े डाई करवाने जरूर पहुंच रहे हैं। 


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