गन्ना बकाया पर पंजाब के किसानों की चेतावनी, दस दिन में समस्या नहीं सुलझी तो शुरू करेंगे संघर्ष
पंजाब के किसानों ने एक बार फिर संघर्ष की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए पंजाब सरकार ने अगर दस दिन में उनके साथ बैठक नहीं की तो संघर्ष राह अख्तियार की जाएगी।
जागरण संवाददाता, जालंधर। गन्ना बकाया को लेकर पिछले साल नेशनल हाईव और रेलवे ट्रैक ब्लाक कर चुके किसानों ने राज्य और केंद्र सरकार को एक बार फिर मोर्चा खोलने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर राज्य सरकार ने दस दिन में उनके साथ बैठक कर गन्ना बकाया का समाधान नहीं किया तो संघर्ष राह अख्तियार की जाएगी।
किसान नेता मनजीत सिंह राय और हरमीत सिंह कादिया ने कहा कि 2021-22 साल के गन्ने के सीजन का करीब 900 करोड़ रुपये बकाया है। राज्य सरकार की ओर से 35 रुपये प्रति क्विंटल सबसिडी के करीब 170 करोड़ रुपये तथा चीनी मिल फगवाड़ा तथा कपूरथला की तरफ 2019-20 गन्ना सीजन के 36 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिसे तुरंत प्रभाव से किसानों को दिया जाए। किसानों को रोजाना बिना किसी कट दस घंटे बिजली सप्लाई दी जाए। प्रीपेड बिजी मीटर लगाने का फैसला सरकार वापस ले। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस तथा टोल प्लाजा के बढ़े हुए रेट वापस लिए जाएं।
इसके अलावा, दूध के दाम बढ़ाए जाएं और नकली दूध बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। आवारा पशुओं की समस्या तुरंत हल की जाए। पंजाब के दरिया और डैम से तैयार होने वाली बिजली पंजाब के किसानों को दी जाए। गूर्जरों के पशुओं की ओर से खेतों में रहे नुकसान को राका जाए। डीएपी और यूरिया की कमी को पूरा किए जाने की बात कही।
इस मौके पर किरती किसान यूनियन. दोआबा किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन कादिया, दोआबा किसान संघर्ष कमेटी, कंडी किसान यूनियन की ओर से बलबीर सिंह राजेवाल ,सतनाम सिंह साहनी, जंगबीर सिंह चौहान, बलविंदर सिंह मल्ली नंगल, बलविंदर सिंह राजू, कुलदीप सिंह, किरपाल सिंह, दविंदर सिंह तथा कश्मीर सिंह के अलावा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।