पंजाब की बस बाडी फैब्रिकेशन इंडस्ट्री अपनों के हाथ हुई बर्बाद, अन्य राज्यों में बसें तैयार करवाते हैं पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी
अपर इंडिया कोच बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय खुल्लर ने कहा कि सरकार ने उनसे 800 बसों की बाडी फैब्रिकेशन का वादा किया लेकिन काम राजस्थान से करवाया। इसमें भी घोटाला किया गया है जिसकी आप सरकार जांच कर रही है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। कभी देश-विदेश में जालंधर की पहचान रही बस बाडी फैब्रिकेशन इंडस्ट्री पंजाब रोडवेज और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) की अफसरशाही की मनमर्जी के चलते खत्म होने की कगार पर जा पहुंची है। हैरानी की बात है कि देश और विदेश के ट्रांसपोर्टर जहां अपनी बसों की फेब्रिकेशन करवाने के लिए जालंधर पर भरोसा जताते रहे, वहीं पंजाब की राज्य परिवहन सेवा अपनी बसों की फेब्रिकेशन अन्य राज्यों से करवाती रही।
कई वर्षों से लगातार पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी तमाम तर्क देकर पंजाब के फैब्रिकेटर्स को नाकाबिल ही बता रही है। नतीजा यह निकला है कि कभी मर्सिडीज बेंज जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड और कई विदेशी एयरपोर्ट की बसों के अलावा देश के कई राज्यों की बसों की फेब्रिकेशन करने वाली जालंधर की इंडस्ट्री बंद होना शुरू हो गई है।
अपर इंडिया कोच बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय खुल्लर ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने लगातार आश्वासन दिया था कि 800 के लगभग नई बसों की फेब्रिकेशन पंजाब के भीतर करवाई जाएगी। फिर, पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के अधिकारियों ने कुतर्क देकर काम राजस्थान से करवाया। राज्य के सरकारी खजाने को राजस्व का नुकसान हुआ और बसों की क्वालिटी भी तय मानकों के मुताबिक नहीं है।
बस बाडी फैब्रिकेशन का काम देने के लिए बनाई गई पंजाब रोडवेज की अफसरशाही पर आधारित कमेटी राजस्थान के फैब्रिकेटर्स को काम देने के लिए उनके मुताबिक नियमों को बदलती रही और नतीजा सबके सामने है। विजय खुल्लर ने बताया कि देश भर में 400 बस बॉडी फेब्रिकेशन इकाइयां हैं, जिसमें से बीस फीसद पंजाब से संबंधित थी, लेकिन आधी से ज्यादा इंडस्ट्री बंद हो चुकी है। इस इंडस्ट्री से प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर जुड़े लगभग 15000 परिवारों की रोटी पर संकट आ गया है।
आप सरकार ने शुरू करवाई घोटाले की जांच
उन्होंने कहा कि 800 बसों की फेब्रिकेशन राजस्थान से करवाना एक बड़ा घोटाला है। पंजाब के मौजूदा आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से इसकी जांच शुरू की गई है। सरकार को पूर्ण सख्ती करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और पंजाब की बस बाडी फैब्रिकेशन इंडस्ट्री को जिंदा रखने के लिए आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए और आगे से नियम बना दिया जाना चाहिए कि सरकारी बसों की फेब्रिकेशन पंजाब के भीतर ही होगी।