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बसपा नेता गढ़ी बोले, पंजाब के लिए चंडीगढ़ सहित पंजाबी भाषी क्षेत्र और पानी का मुद्दा आज भी अहम

Punjab Chunav 2022 बसपा के प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने विशेष बातचीत में कहा कि अकाली दल और बसपा गठबंधन की सरकार बनने पर हरियाणा के पंजाबी भाषी क्षेत्र पंजाब को दिलवाने के साथ ही दूसरे राज्यों को दिए जा रहे पानी का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 12:57 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 12:57 PM (IST)
बसपा नेता गढ़ी बोले, पंजाब के लिए चंडीगढ़ सहित पंजाबी भाषी क्षेत्र और पानी का मुद्दा आज भी अहम
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी की फाइल फोटो।

जतिंदर पम्मी, जालंधर। Punjab Assembly Election 2002 प्रदेश में शिरोमणि अकाली दल (बादल) और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन सरकार बनने पर चंडीगढ़ पंजाब को दिए जाने, हरियाणा में शामिल पंजाबी बोलते क्षेत्र वापस लेने और पंजाब के जल बंटवारे के मुद्दे दोबारा उठाए जाएंगे। यह बातें बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और फगवाड़ा से प्रत्याशी जसवीर सिंह गढ़ी ने मंगलवार को विशेष बातचीत में कहीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भले ही ये मुद्दे पुराने हैं, लेकिन पंजाब के लिए अब भी महत्वपूर्ण हैं। पंजाबी बोलते क्षेत्र पंजाब को दिलवाने के साथ ही दूसरे राज्यों को दिए जा रहे पंजाब के पानी का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

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1995 में शिअद-बसपा गठबंधन होने और 1996 में अकाली दल द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन किए जाने के सवाल पर गढ़ी ने कहा कि 1984 से 1994 तक कांग्रेस की केंद्र और राज्य सरकारों ने सिखों पर जुल्म किए। इस कारण सिखों में पैदा हुए रोष ने अकाली-भाजपा गठबंधन की नींव तैयार की। 1996 में जब भाजपा केंद्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो अकाली दल ने कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भाजपा के साथ समझौता किया। बाद में गठबंधन का रिश्ता और मजबूत हो गया। परंतु अब जब भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में काबिज हुई तो उसने अपने सहयोगियों को किनारे करके ऐसे निर्णय लिए कि अकाली दल ने भाजपा से नाता तोड़ लिया।

1995 से 2017 तक बसपा का पंजाब में बसपा का ग्राफ काफी गिरा लेकिन इसके बाद बसपा के कार्यकर्ताओं ने मेहनत की और पार्टी दोबारा राजनीतिक नक्शे पर नजर आने लगी। 2019 में बसपा के वोट बैंक में बढ़ोतरी हुई। अब 23 साल बाद 2022 के चुनाव में अकाली दल और बसपा फिर एक साथ आए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती व शिअद के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल व अध्यक्ष सुखबीर बादल ने गठबंधन किया है। बसपा को 20 सीटें मिली हैं।

उन्होंने दावा किया कि उनका गठबंधन पंजाब में सरकार बनाएगा। वहीं कांग्रेस द्वारा अनुसूचित जाति से चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह कदम बसपा के डर से ही उठाया गया है। कांग्रेस अब बसपा से कितना डरी हुई है। सुखबीर भी यह घोषणा कर चुके हैं कि गठबंधन सरकार बनने पर बसपा से एक उप मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति से होगा। वहीं दूसरा हिंदू भाईचारे से होगा। जालंधर में कुछ विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार बदले जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गढ़ी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से सिर्फ अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

चन्नी का सच आया सामने

मुख्यमंत्री चन्नी के रिश्तेदार के घर पर ईडी की छापामारी के बारे में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब को ड्रामेबाज मुख्यमंत्री दिया है। चन्नी द्वारा खुद को साधारण परिवार से बताए जाने का झूठ सबके सामने उजागर हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चन्नी का परिवार रेत के अवैध कारोबार में शामिल हैं और वह खुद भ्रष्टाचार से ग्रस्त हैं।


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