विश्वासघात दिवस: सोशल मीडिया पर अकालियों ने डीपी की ब्लैक डॉट, भाजपा ने नहीं निभाया गठबंधन धर्म
दोपहर 12 बजे तक हैशटैग विश्वासघात टॉप 4 में ट्रेंड करने लगा था। शाम होते होते यह 8वें और फिर 10वें नंबर पर चला गया। देर शाम तक टॉप ट्रेंड से बाहर हो गया।
जालंधर [सुमित मलिक]। कांग्रेस के 2 साल पूरे होने पर अकाली-भाजपा द्वारा शुरू की गई विश्वासघात दिवस की जंग ने सड़क के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी घमासान मचा दिया। ट्विटर पर अधिकतर अकाली नेताओं और उनके समर्थकों ने अपनी डीपी (प्रोफाइल पिक) को ब्लैक डॉट के रूप में बदल लिया। शनिवार सुबह से शुरू हुई इस जंग में दोपहर 3 बजे तक 7000 से अधिक ट्वीट किए जा चुके थे। नेता और वर्कर ट्वीट कर कैप्टन सरकार से जवाब मांगा रहे थे। दोपहर 12 बजे तक हैशटैग विश्वासघात टॉप 4 में ट्रेंड करने लगा था। शाम होते होते यह 8वें और फिर 10वें नंबर पर चला गया। देर शाम तक टॉप ट्रेंड से बाहर हो गया।
इस दौरान कर्जमाफी, रोजगार, कानून व्यवस्था, आटा दाल स्कीम, नशा, विकास, किसानों की खुदकुशी, युवाओं से भविष्य के झूठे वादे करने आदि मुद्दों पर पंजाब सरकार को घेरा गया। अखबारों की पुरानी कटिंग्स, विभिन्न स्लोगन्स और कैप्टन के पुराने वीडियो दिखाकर उनसे दो साल का हिसाब मांगा गया। इस बीच अकाली दल ने अपनी पिछली सरकार के काम गिनवाए और 5 साल बनाम 2 में विकास के फर्क की तस्वीर भी दिखाई।
पिछले साल कांग्रेस ने भी 28 मई को मोदी सरकार के 4 साल पूरा होने पर केंद्रीय स्तर पर विश्वासघात दिवस मनाया था। उसी तर्ज पर अकाली-भाजपा गठबंधन ने पंजाब कांग्रेस पर हल्ला बोला। गत दिवस हरसिमरत बादल ने फेसबुक लाइव होकर इसका साथ देने की अपील की थी और बाद में ट्विटर पर सभी को अपनी प्रोफाइल पिक बदलने का आग्रह भी किया था।
कांग्रेस की बजाय कैप्टन और नवजोत सिद्धू रहे निशाने पर
विरोध की खास बात यह रही कि अकाली दल ने पूरी कांग्रेस की बजाय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और निकाय मंत्री नवजोत सिंह पर ही निशाना साधा। अधिकतर पोस्ट में इन्हीं दो नेताओं को घेरा गया था। इस दौरान सिद्धू को गद्दार और पाकिस्तान का चहेता तक कहा गया। बीच-बीच में राहुल गांधी और मनप्रीत बादल पर भी निशाना साधा गया। बाकी किसी कांग्रेस मंत्री और नेता के खिलाफ कुछ नहीं बोला।
अकालियों को भाजपा का नहीं मिला साथ
सोशल मीडिया पर अकाली-भाजपा अपना मजबूत गठजोड़ नहीं दिखा पाए। एक तरफ जहां पूरी शिअद और उनकी सोशल मीडिया टीम पंजाब कांग्रेस को हर मोर्चे पर घेरने में लगी थी, वहीं भाजपा का मीडिया सेल और इनके कद्दावर नेता चुप रहे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक, केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला, तरुण चुघ और भाजपा पंजाब के ऑफिशियल पेज पर इस बारे में कोई अपडेट नहीं किया गया। ना तो उन्होंने अपनी प्रोफाइल फोटो चेंज की और ना ही विश्वास दिवस को लेकर कोई ट्वीट किया। भाजपा पंजाब का आखिरी ट्वीट एक दिन पुराना था, जिसमें अमित शाह के ट्वीट को री-ट्वीट किया गया था।
विजय सांपला का भी ट्वीट एक दिन पुराना विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस को लेकर था, जबकि तरुण चुघ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि 'मैं हूं चौकीदार' मुहिम का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। सिर्फ श्वेत मालिक ने अमृतसर में होने वाली रैली को लेकर समर्थन की अपील की। राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर गठबंधन ने मिलकर विरोध करने का फैसला किया था तो भाजपा को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी एकजुटता दिखानी चाहिए थी।
अकाली दल ने दिए ये स्लोगन
- पंजाबियां दियां उड़ीका होइयांं लमेरियां, वादे वफा न होए, टुट्टियां उम्मीद बथेरियां
- किन्नां चिर ठग्गियां, काहतों होवे विश्वासघात, हुण सच्च दी होणी सवेर, झूठ दी ढ़लणी रात
- रोंदा हर वर्ग रोवे हर जात, पंजाब दे लोकां नाल क्यों होएया विश्वासघात
- न आटा दाल, ना सहूलत पहलांं वाली, रट लायी खजाना खाली