Move to Jagran APP

पंजाब की Auto Parts Industry पर Corona की मार, Raw Material के दाम बढ़ने उत्पादन गिरा, पेमेंट भी रुकी

दिल्ली एवं भूटान से आने वाले रॉ मटीरियल की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि ने भी ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के कामकाज को बुरी तरह से हिला डाला है। ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स को पिछली पेमेंट भी नहीं मिल पा रही है और नए आर्डर भी नहीं मिल रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 05:53 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 05:53 PM (IST)
पंजाब की Auto Parts Industry पर Corona की मार, Raw Material के दाम बढ़ने उत्पादन गिरा, पेमेंट भी रुकी
देश के अलग-अलग हिस्सों में लगे लॉकडाउन से ऑटो इंस्डस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है। सांकेतिक फोटो

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। देश की प्रमुख कार एवं ट्रक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की तरफ से उत्पादन बंद कर दिए जाने से महानगर की ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कार एवं ट्रक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की तरफ से उत्पादन रोक दिए जाने के चलते जालंधर की इंडस्ट्री का माल सप्लाई नहीं हो पा रहा है जबकि श्रमिकों को साफ जोड़े रखने के लिए इकाइयां धीमी गति से अपना उत्पादन जारी रखे हुए हैं। दिल्ली एवं भूटान से आने वाले रॉ मटीरियल की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि ने भी ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के कामकाज को बुरी तरह से हिला डाला है। हालात यह हैं कि ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स को पिछली पेमेंट भी नहीं मिल पा रही है और नए आर्डर भी नहीं मिल रहे हैं। हालांकि उन्हें श्रमिकों की वेतन अदायगी समेत अन्य फिक्स खर्च करने पड़ रहे हैं।

loksabha election banner

बीएसटी ऑटो ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर लोकेश जैन ने कहा कि देश की बड़ी कार एवं ट्रक कंपनियों को इस समय माल की सप्लाई नहीं जा रही है, क्योंकि कोविड-19 से कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग एवं मार्केटिंग लाइन बुरी तरह से प्रभावित होने के बाद प्रोडक्शन रोक दी गई है। दिल्ली से आने वाला स्क्रैप या रॉ मटीरियल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। रॉ मटीरियल के रेट भी आसमान छू रहे हैं। भूटान से केमिकल सप्लाई भी बंद हो गई है।

नए ऑर्डर नहीं मिल रहे, फिक्स्ड खर्च पहले जैसे 

उन्होंने कहा कि ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को चाहे आमदनी नहीं हो रही है। नए ऑर्डर भी नहीं मिल पा रहे हैं, लेकिन फिक्स खर्च तो करने ही पड़ रहे हैं। श्रमिकों को वेतन देना पड़ रहा है। बिजली के बिल देने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश में मिनी लॉकडाउन जैसी व्यवस्था नहीं होनी चाहिए बल्कि 15-20 दिन के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लगा देना ही उम्दा विकल्प है। 

देश भर में बाजार बंद होने से बिक्री लगभग रुकी

जालंधर ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के संरक्षक और जेएमपी इंडस्ट्रीज के संचालक  बलराम कपूर ने कहा कि राष्ट्रीय लॉकडाउन तो घोषित नहीं किया गया है, लेकिन विभिन्न राज्यों की तरफ से लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। इस वजह से बाजार बंद पड़े हैं और बिक्री लगभग बंद हो चुकी है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को साथ जोड़े रखने के लिए उत्पादन तो जारी रखा गया है, लेकिन यह मात्र 33 फीसद के करीब ही रखा गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में हालात यह हो गए हैं कि पुरानी पेमेंट मिल नहीं पा रही है। नए आर्डर भी नहीं आ रहे हैं और तैयार किए गए माल को भी बिक्री न होने के चलते स्टोर ही करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि श्रमिकों को वेतन अदायगी जैसे फिक्सड खर्चे तो करने ही पड़ रहे हैं।

मौजूदा हालात में उत्पादन जारी रखना मुश्किल 

एसएलसी ऑटो पार्ट्स के अतिन चोपड़ा ने कहा कि कच्चा माल किसी भी उद्योग की रीढ़ होता है। बीते एक वर्ष में स्टील की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसलिए उत्पादन चालू रखना बहुत मुश्किल है। जब तक कीमतें वापस सामान्य नहीं हो जाती, तब तक केवल संपूर्ण शट डाउन ही एक विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि केवल निर्यात से जुड़ी इकाइयां ही अच्छा कर पा रही थी लेकिन इसमें भी समस्या खड़ी हो गई है। पिछले छह महीनों से समुद्री माल भाड़ा लगभग दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियां इंडस्ट्री के लिए बेहद मुश्किल लेकर आई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.