Punjab Election 2022: जालंधर में शिअद को मिल सकता है बसपा का फायदा, कुछ सीटों पर बागियों की चुनौती
Punjab Election 2022 शिअद को उन सीटों पर बसपा के वोट पड़ सकते हैं जिन पर कभी उसका खास आधार नहीं रहा है। जालंधर की कुछ सीटें ऐसी ही हैं। इन पर शिअद का कभी भी खास प्रभाव नहीं रहा है पर बसपा तुलनात्मक रूप से मजबूत स्थिति में है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। दलित बाहुल्य दोआबा में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को विधानसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन खासा फायदेमंद साबित हो सकता है। शिअद को उन सीटों पर बसपा काडर के वोट पड़ सकते हैं, जिन पर कभी उसका खास आधार नहीं रहा है। जालंधर की कुछ सीटें ऐसी ही हैं। इन पर शिअद का कभी भी खास प्रभाव नहीं रहा है पर बसपा तुलनात्मक रूप से मजबूत स्थिति में है। जालंधर वेस्ट, जालंधर नार्थ और करतारपुर हलके में बसपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन वह शिअद-बसपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं।
इन तीनों ही सीटों के पर अकाली दल का कभी कोई खास प्रभाव नहीं रहा है। करतारपुर हलके में बसपा इस समय मजबूत नजर आ रही है। करतारपुर हलके से चुनाव लड़ रहे एडवोकेट बलविंदर कुमार संसदीय चुनाव में भी लाखों वोट बटोर कर विपक्षी पार्टियों को झटका दे चुके हैं। नार्थ हलके में भी बसपा प्रत्याशी कुलदीप सिंह लुभाना की अपनी पैठ और पहचान है क्योंकि उन्हें लोगों के बीच जाकर काम करने के लिए जाना जाता है। ऐसे में शिअद को बसपा से गठबंधन करने का फायदा मिलता नजर आ रहा है।
हालांकि आदमपुर हलके में स्थिति कुछ विपरीत है। इस हलके में शिअद के पवन कुमार टीनू लगातार दो बार विधायक चुने गए हैं लेकिन इस बार बसपा से अलग हुए सुखविंदर कोटली को कांग्रेस की टिकट मिल गई है। आदमपुर सीट पर सुखविंदर कोटली की वजह से बसपा काडर का विभाजित होता नजर आ रहा है। यह शिअद के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
बसपा लड़ रही है 20 सीटों पर चुनाव
विधानसभा चुनाव से पहले अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन का एलान किया गया था। दोनों दल सीटों के समझौते के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। अकाली दल ने प्रदेश की कुल 117 में से 97 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं बसपा के कोटे में 20 सीटें आई हैं।