Move to Jagran APP

दो मरले के रिहायशी मकान पर कोई प्रॉपर्टी टैक्स नहीं

साल 2013-14 में लागू हुए प्रॉपर्टी टैक्स का स्वरूप एक साल बाद ही बदल गया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 07:36 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 07:36 PM (IST)
दो मरले के रिहायशी मकान पर कोई प्रॉपर्टी टैक्स नहीं
दो मरले के रिहायशी मकान पर कोई प्रॉपर्टी टैक्स नहीं

जागरण संवाददाता, जालंधर : साल 2013-14 में लागू हुए प्रॉपर्टी टैक्स का स्वरूप एक साल बाद ही बदल गया था। पहले जमीन के कलेक्टर रेट पर टैक्स लगाया गया लेकिन एक साल बाद शहर को तीन जोन में बांट कर रेजिडेंशियल के लिए प्रति वर्ग गज और कमर्शियल के लिए प्रति वर्ग फुट रेट तय किए गए। 2014-15 से यहीं पैटर्न चल रहा है। दो मरले तक के मकानों पर पूरी तरह टैक्स माफ है। असके अलावा उन सभी प्रॉपर्टीज पर टैक्स माफ हैं जो सैनिकों के नाम पर हैं, चाहे वह रिहायशी हो या कमर्शियल हो। शहर में सर्वे के मुताबिक 2.92 लाख प्रॉपर्टीज हैं। इनमें से करीब दो लाख प्रॉपर्टीज टैक्स के दायरे में हैं लेकिन फिलहाल 70 हजार लोग ही टैक्स दे रहे हैं। पिछले एक साल में प्रॉपर्टी टैक्स डिपार्टमेटं ने करीब 15 हजार नए टैक्स पेयर साथ जोड़े हैं। दैनिक जागरण के हेलो जागरण कार्यक्रम में प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स डिपार्टमेंट के सुपरिंटेंडेंट महीप सरीन और सुपरिंटेंडेंट भूपिदर सिंह ने लोगों की शंकाओं का निवारण किया। सवाल - क्या चैरिटेबल एजुकेशन सोसायटी को प्रॉपर्टी टैक्स माफ है?

loksabha election banner

जवाब - ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, सिर्फ सरकारी और सरकार की 95 प्रतिशत ग्रांट से चल रहे एडिड स्कूल-कॉलेजों को ही प्रॉपर्टी टैक्स माफ है। स्कूलों और कॉलेजों को कुल टैक्स पर 50 प्रतिशत की छूट है। सवाल - प्रॉपर्टी टैक्स में किस किस कैटेगरी को छूट है?

जवाब - रिहायशी मकान पर दो मरले तक पूरी छूट है। प्रॉपर्टी किसी विधवा के नाम पर हैं उसे कुल पांच हजार रुपये की छूट मिलेगी। सेना के अधिकारियों व जवानों को पूरी तरह से टैक्स माफ है चाहे प्रॉपर्टी रिहायशी हो या व्यवसायिक हो। गरीबी सीमा रेखा से नीचे के लोगों और दिव्यांगों को भी कुल बनते टैक्स में से 5000 रुपये माफ है। इनके पास कार्ड या सर्टिफिकेट होना जरूरी है। सवाल - अगर कोई प्रॉपर्टी टैक्स कम देता है तो उस पर क्या कार्रवाई होती है?

जवाब - प्रॉपर्टी टैक्स भी इनकम टैक्स की ही तरह सेल्फ असेस्मेंट पर आधारित है। टैक्स देने वालों की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाता है। अगर किसी ने कम टैक्स दिया है तो उसे म्यूनिसिपल एक्ट के सेक्शन 112 के तहत नोटिस भेजकर जवाब मांगेते हैं। नोटिस का जवाब न देने पर सेक्शन 138 के तहत नोटिस भेज प्रॉपर्टी सील करने की चेतावनी दी जाती है। कई प्रॉपर्टी सील भी की गई हैं। यह प्रॉपर्टी तभी खोली जाती हैं जब जुर्माने समेत पूरा टैक्स मिलता है। सवाल - मेरा मकान पांच मरले में डबल स्टोरी बना है, क्या इस पर टैक्स लगेगा?

जवाब - इस पर टैक्स देना होगा। अगर पांच मरले तक जमीन पर सिर्फ ग्राउंड फ्लोर ही बना हो तो टैक्स नहीं देना पड़ता। अगर ऊपरी मंजिल बनी है तो पूरी इमारत का टैक्स देना पड़ेगा। यह टैक्स सालाना 500 रुपये के करीब ही बनेगा। सवाल - कमर्शियल बिल्डिग का टैक्स बिल्डिग मालिक देगा या किराएदार?

जवाब - दोनों में से कोई भी टैक्स दे सकता है। यह बिल्डिग मालिक और किराएदार के एग्रीमेंट पर निर्भर है। हां अगर टैक्स नहीं आता है तो इसकी जिम्मेवारी बिल्डिग मालिक पर रहेगी। सवाल - प्रॉपर्टी टैक्स देकर भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, क्या टैक्स देना बंद कर दें?

जवाब - निगम को टैक्स मिलेगा तो ही विकास होगा। सभी लोग टैक्स देंगे तो विकास के लिए फंड भी कमी नहीं रहेगी। निगम हर इलाके में डवलपमेंट करवा रहा है। अगर कहीं काम नहीं हुआ है तो मेयर और कमिश्नर से एक बार मिलें। इन्होंने भी पूछे सवाल

अंकित देव गुरु नानकपुरा, जगदीश राज, शेखां बाजार, अमनदीप सिंह गुरु अमरदास कॉलोनी, राजेश चौहान हरगोबिद नगर, दविदर वर्मा शहीद भगत सिंह कॉलोनी, सुशील पुरी अवतार नगर, ओम प्रकाश बस्ती दानिशमंदा। इन नंबरों पर मिलेगी टैक्स संबंधी जानकारी

सुपरिंटेंडेंट महीप सरीन : 9815222985

सुपरिंटेंडेंट भूपिदर सिंह : 9815896096

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.