CEA वापस न लिया तो मंगलवार को निजी अस्पताल करेंगे सेवाएं ठप
उन्होंने आईएमए के अपने स्तर पर एक्ट ड्राफ्ट कर देने की बात रखी परंतु आईएमए के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से फैसला कर एक्ट ड्राफ्ट कर न देने का फैसला किया है।
जालंधर, जेएनएन। राज्य सरकार की तरफ से क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट (सीईए) लागू करने के मामले को लेकर सरकार के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया है। आईएमए ने सरकार को चेतावनी दी है अगर सीईए वापिस या फिर लंबित न किया तो 23 जून को निजी डाक्टर तमाम सेवाएं ठप करेंगे। इस बात की जानकारी शनिवार को आईएमए जांलधर ब्रांच के प्रधान डा. पंकज पाल ने दी। आईएमए हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि कोविड की आड़ में सरकार निजी अस्पतालों पर कब्जा करने के लिए हत्थकंडे अपना रहे है। एक्ट लागू सरकार डाक्टरों पर इंस्पेक्टरी राज थोपने जा रही है।
नर्सिंग होम एसोसिएसन के प्रदान डॉ. जीएस गिल ने बताया कि इस बीच आईएमए की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक सेहत मंत्री के साथ हुई। उन्होंने आईएमए के अपने स्तर पर एक्ट ड्राफ्ट कर देने की बात रखी, परंतु आईएमए के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से फैसला कर एक्ट ड्राफ्ट कर न देने का फैसला किया है। आईएमए ने पहले कानून को वापिस ले या फिर इस पर रोक लगाने की शर्त रखी। इसके अलावा मेडिकल कालेजों की फीसों में बढ़ोतरी वापिस तथा नर्सिंग होम रेग्युरलाइज की मांग सरकार के समक्ष रखी।
इस संबंध में सेहत मंत्री, सेहत विभाग के आला अधिकारियों तथा जिला स्तर पर सिविल सर्जन व डीसी को ज्ञापन भी सौंपे गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने मांगे पूरी न हुईं, तो 23 जून को इमरजेंसी समेत तमाम स्वास्थ्य सेवाएं एक दिन के लिए ठप कर एक्ट का विरोध किया जाएगा। इसके बावजूद सरकार न जागी तो अगली रणनीति 28 जून को आईएमए की स्टेट कौंसिल की मीटिंग में तय की जाएगी। आईएमए के डॉ. राकेश विग, डॉ. मुनीश सिंघल, डॉ. दीपक चावला, डॉ. विकास सूद तथा डॉ. निपुण महाजन के अलावा आईएमए की टीम के सदस्य मौजूद थे।