संकट की इस घड़ी में मदद करने के बजाय निजी डाक्टरों ने बढ़ाई फीस, कई जगह दोगुनी पैसे वसूले
कपूरथला चौक स्थित स्कैनिंग सेंटर में मरीज से गर्भवती महिला की स्कैनिंग करवाने पर एक हजार की बजाय 1500 रुपये वसूले गए। मामला पुलिस के पास भी पहुंचा।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस की दहशत में आम लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। कारण यह है कि अधिकतर अस्पतालों ने अपने चार्ज बढ़ा दिए हैं। वहीं, कहीं सुनवाई ना होने के कारण लोगों को मजबूरन वहां इलाज करवाना पड़ रहा है। हालांकि आइएमए के प्रधान ने एक अप्रैल से डाक्टरों की ओर से फीस बढ़ाने की बात कही है।
निजी अस्पतालों के डाक्टरों ने कोविड 19 के खौफ के चलते मंदी के मार झेल रहे लोगों पर आर्थिक बोझ डाल दिया है। कपूरथला चौक स्थित स्कैनिंग सेंटर में मरीज से गर्भवती महिला की स्कैनिंग करवाने पर एक हजार की बजाय 1500 रुपये वसूल किए गए। मरीज ने विरोध किया तो उसे कर्फ्यू में डॉक्टर के आने पर इमरजेंसी फीस चार्ज करने की बात कही। इसके बाद बात पुलिस में पहुंची तो माफीनामे के बाद मामला शांत हुआ। हालांकि अस्पताल के डॉक्टर ने फीस बढ़ाने की बात कह पर पल्ला झाड़ दिया परंतु उसे डिसप्ले करना भूल गए थे।
दोगुनी फीस वसूल रहे कई डॉक्टर
इसी तरह नकोदर चौक में स्किन की बीमारियों का इलाज करवाने आए एक मरीज से भी तीन सौ की बजाय पांच सौ रुपये वसूले गए। गुरु नानक मिशन चौक में भी दिल की बीमारियों का इलाज करने वाले अस्पताल में मरीजों से तीन सौ की बजाए छह सौ रुपये फीस ज्यादा वसूली जा रही है।
एनिमल प्रोटेक्शन सोसायटी की पदाधिकारी जसप्रीत कौर का कहना है कि उन्होंने पिछली बार तीन सौ रूपये देकर माता जी की जांच करवाई थी। इस बार अस्पताल प्रशासन ने छह सौ रुपये वसूले है। इस संबंध में पुलिस प्रशासन को शिकायत की परंतु मुलाजिम पहुचंने पर अस्पताल के स्टाफ ने पल्ला झाड़ दिया। उन्होंने कहा कि कोविड 19 के दौर में लोग मंदी का शिकार हैं और डाक्टरों ने फीस बढ़ा कर उन्हें मानसिक प्रताडऩा देनी शुरू कर दी है।
फीस पर नियंत्रण आइएमए के हाथ में नहीं : डॉ. पंकज पाल
आइएमए के प्रधान डॉ. पंकज पाल का कहना है कि कपूरथला चौक वाले मामले में अस्पताल प्रशासन ने गलती स्वीकार की और माफीनामे के बाद समस्या का समाधान हो गया था। इसके बाद उन्होंने रेट बढ़ा कर डिसप्ले कर दिया। शहर के कई अस्पतालों ने एक अप्रैल से फीस बढ़ा दी है। फीस बढ़ाने के मामले आइएमए के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें