निजी बसें दूसरे दिन भी बंद, जालंधर से रवाना हुई 58 सरकारी बसें
सरकार की तरफ से अनुमति मिलने के बावजूद वीरवार को लगातार दूसरे दिन निजी बसों का पहिया नहीं घूमा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सरकार की तरफ से अनुमति मिलने के बावजूद वीरवार को लगातार दूसरे दिन निजी बसों का पहिया नहीं घूमा। निजी बस संचालक कोरोना वायरस के बचाव के लिए 50 फीसद यात्रियों के साथ बसों के संचालन के लिए स्पेशल रोड टैक्स (एसआरटी), अड्डा फीस एवं टोल टैक्स को खत्म किया जाना अति जरूरी बता रहे हैं। निजी ट्रासपोटर्स का तर्क है कि सरकार की हिदायतों के मुताबिक क्षमता से आधे यात्रियों के साथ बसों के संचालन से खर्च पूरा नहीं हो सकता। इसका एक कारण यह भी है कि अब बसों को सैनिटाइज करना, स्टाफ को मास्क एवं गलब्स उपलब्ध करवाने का खर्च अलग से जुड़ गया है।
पंजाब मोटर्स ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारी एवं जालंधर से कांग्रेस पार्टी के विधायक बावा हैनरी ने कहा है कि वे निजी ट्रांसपोटर्स को राहत दिए के लिए दो बार सरकार को लिख चुके हैं लेकिन अभी तक भी सरकार की तरफ से राहत की घोषणा नहीं की गई है।
वहीं, दूसरी तरफ वीरवार को जालंधर से कुल 58 सरकारी बसें विभिन्न शहरों के लिए रवाना हुईं। इनमें जालंधर डिपो-1 की 22 बसें, जालंधर डिपो-2 की चार, मोगा की एक, लुधियाना की तीन, पठानकोट की दो, नवांशहर की एक, रोपड़ की तीन, अमृतसर-1 की 11 , होशियारपुर की छह, बटाला की तीन एवं पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (पीआरटीसी) की दो बसें रवाना की गई। लगातार दूसरे दिन भी जालंधर के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल पर सन्नाटा छाया रहा और प्रत्येक बस को रवाना करने के लिए 25 यात्रियों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने बताया कि बुधवार के मुकाबले वीरवार को संचालित की गई बसों में इजाफा हुआ है। बुधवार को जालंधर से मात्र 21 बसें ही रवाना हो सकी थीं जबकि वीरवार को 58 बसें रवाना की गई। उन्होंने कहा कि इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है कि रूट पर भेजे जाने से पहले बसों को सैनिटाइज किया जाए। यात्रियों को मास्क पहनाकर ही बस में सवार करवाया जाए तथा स्टाफ को भी बचाव की पूर्ण हिदायतों का पालन करना जरूरी बनाया जाए।