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स्वाद पंजाब दा: तीन पीढ़ियों से Lohri की महक फैला रही ये दुकान, दूर-दूर से मूंगफली खरीदने आते हैं लोग

Lohri 2020 सेंट्रल टाउन स्थित ‘प्रकाश दी हट्टी’ की मूंगफली और रेवड़ी दूर-दूर तक विख्यात है। संचालक रवि कुमार बताते हैं कि उनके दादा प्रकाश लाल ने करीब 50 वर्ष पहले

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 03:39 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 04:11 PM (IST)
स्वाद पंजाब दा: तीन पीढ़ियों से Lohri की महक फैला रही ये दुकान, दूर-दूर से मूंगफली खरीदने आते हैं लोग
स्वाद पंजाब दा: तीन पीढ़ियों से Lohri की महक फैला रही ये दुकान, दूर-दूर से मूंगफली खरीदने आते हैं लोग

जालंधर [शाम सहगल]। Lohri 2020: दोआबा के ऐतिहासिक स्थान गुरुद्वारा दीवान अस्थान सेंट्रल टाउन से मंडी फेंटनगंज जाएंगे तो मूंगफली की महक से सहज ही कदम थम जाते हैं। सर्दी में तो यहां से बिना मूंगफली खरीदे गुजरना मुश्किल है। सेंट्रल टाउन स्थित ‘प्रकाश दी हट्टी’ की मूंगफली और रेवड़ी तीन पीढ़ियों से दूर-दूर तक विख्यात है।

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संचालक रवि कुमार बताते हैं कि उनके दादा प्रकाश लाल ने करीब 50 वर्ष पूर्व मूंगफली का काम शुरू किया था। उस समय मूंगफली के दाम करीब आठ से 10 रुपए प्रति किलो थे। उनके निधन के बाद पिता कृष्ण लाल ने काम आगे बढ़ाया। पिता-दादा ने कभी क्वालिटी से समझौता नहीं किया। उन्होंने जयपुर से मोटे दाने वाले वाली मूंगफली मंगवानी शुरू की। शहरवासियों के लिए यह नया स्वाद था, जिसे खासा पसंद भी किया गया। इसे लेकर दुकान की प्रसिद्धि भी दूर-दूर तक हुई। अब वह इस कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं।

आसपास के शहरों से भी आते हैं खरीदार

पिछले पांच दशक से मूंगफली, रेवड़ी व गुड़ से लेकर पारंपरिक व्यंजनों की इस दुकान से केवल जालंधर ही नहीं बल्कि आसपास के शहरों से भी लोग विशेषकर जयपुर की मूंगफली का स्वाद लेने आते हैं। जी हां, यहां पर जयपुर व बड़ौदा की मूंगफली तैयार की जाती है। दरअसल वहां से कच्ची मूंगफली मंगवा कर कोयले व लकड़ी की भट्टी पर खुद भूनते हैं। यही कारण है कि इसकी महक इलाके में दिन भर रहती है, जो लोगों को बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करती। दूसरा सिटी रेलवे स्टेशन के करीब जिले की सबसे पुरानी मंडी फेंटनगंज में आसपास के शहरों से आने वाले व्यापारी यहां से मूंगफली का स्वाद लिए बगैर नहीं जाते थे।

पारंपरिक व्यंजनो को आधुनिकता का जामा 

रवि कुमार बताते हैं कि लोहड़ी के बाजार के नाम पर पहले केवल मूंगफली, रेवड़ी, गुड़, गजक, चिड़वे व मक्की के दाने ही होते थे। लोगों की मांग व समय के साथ इसमें व्यापक परिवर्तन हुआ है। अब लोहड़ी के बाजार का दायरा तेजी से बढ़ा है। जिसमें फ्लेवर्ड गजक, तिल भुग्गा, फ्लेवर रेवड़ी से लेकर गिफ्ट पैक की मांग में तेजी के साथ इजाफा हुआ है।

जीएसटी से घटी कमाई 

मूंगफली, गुड़ व तिल के दामों में जीएसटी के कारण इजाफा हुआ है। लेकिन, प्रतिस्पर्धा के चलते तैयार माल के दाम नहीं बढ़ाए जा सके। इससे कच्चे माल की कीमत बढ़ी, लेकिन तैयार माल की यथावत है। बताते हैं कि आज भी स्पेशल मूंगफली 120 रुपये, रेवड़ी 120 रुपये, तिल के लड्डू 280 रुपये प्रति किलो में बेचने पड़ रहे है। इसी तरह लोहड़ी का गिफ्ट पैक मात्र 100 से लेकर 200 रुपये तक ही तैयार किए जाते है।

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