तेज आंधी व बूंदाबांदी के बीच गूंजे सतगुरु कबीर के जयघोष
एक तरफ तेज आंधी व हल्की बूंदाबांदी का दौर चल रहा था तो वहीं दूसरी तरफ सतगुरु कबीर महाराज की सुन्दर सजी पालकी का दीदार करने को लेकर श्रद्धालु इसकी परवाह किए नतमस्तक होने को आतुर थे।
जागरण संवाददाता, जालंधर : एक तरफ तेज आंधी व हल्की बूंदाबांदी का दौर चल रहा था, तो वहीं, दूसरी तरफ सतगुरु कबीर महाराज की सुन्दर सजी पालकी का दीदार करने को लेकर श्रद्धालु इसकी परवाह किए नतमस्तक होने को आतुर थे। जैसे ही धन कबीर, जय कबीर के जयघोष के बीच पावन शोभायात्रा का आगमन हुआ श्रद्धालु परिवार सहित इसके नतमस्तक हुए तथा आशीर्वाद लिया। जिसका आगाज झंडे की रस्म के साथ हुआ। जिसमें सांसद चौधरी संतोख सिंह, विधायक सुशील रिकू, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहिदर भगत, सतगुरु कबीर मुख्य मंदिर भार्गव नगर मंदिर कमेटी के प्रधान राकेश भगत, चेयरमैन सतीश बिल्ला, कीमती भगत, दीपू भगत, राज कुमार राजू, अनिल सच्चर, एडवोकेट सुरेन्द्र मोहन, पूर्व पार्षद सरदारी लाल, पार्षद तरसेम लखोत्रा, वरेश मिन्टू भगत, रुतेश निहंग, बचन लाल, ओंकार राजीव टिक्का, सुभाष भगत, प्रवेश टांगरी, चाचा रजनीश भगत, अमृत खोसला, दर्शन लाल भगत, रशपाल जखू, सुदेश भगत, राज मेहरा, दीशा प्रधान व मंदिर कमेटी के सदस्य शामिल हुए। सभी ने मिलकर झंडे की रस्म अदा की। शोभायात्रा के दौरान उप चेयरमैन डॉ. चमन लाल, उप-प्रधान रवि भगत, महासचिव अमृत भगत, राजेश भगत, अश्वनी बिट्टू भगत, अजय कुमार भगत, अश्विनी कुमार भगत, प्रिस भगत, दिशांत भगत, बचन लाल भगत, दीपक भगत, बंटी संदल, बलविदर भगत, अजय भगत, प्रिस, सोमनाथ, निर्मल भगत, सुखदेव सिंह, शिल कुमार भगत, अजय कुमार भगत घुम्मन, विक्की भगत, बंटी भगत, विजय कुमार, राजीव भगत, डा. पंकज भगत, पंकज भगत व राकेश कुमार भगत आदि मौजूद थे।
शोभायात्रा के दौरान विभिन्न संस्थाओं की तरफ से लंगर लगाकर व पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। इस क्रम में सिख तालमेल कमेटी की तरफ से जीटी रोड पर लंगर लगाया गया। इस दौरान संस्था के प्रमुख तेजिदर सिंह परदेसी, हरपाल सिंह चड्ढा, हरप्रीत सिंह नीटू, हरप्रीत सिंह रोबिन व अन्य मौजूद थे। इसी तरह भगवान वाल्मीकि चौक, नकोदर रोड, बस्ती अड्डा रोड सहित जगह-जगह पर लंगर लगाए गए।
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दीपू भगत के घर निभाई झंडे की रस्म
सतगुरु कबीर मुख्य मंदिर भार्गव नगर से निकाली गई शोभायात्रा से पूर्व झंडे की रस्म कमेटी के सदस्य दीपू भगत के घर पहुंचे। जहां झंडे की रस्में पूरे रीति रिवाजों से निभाई गई। शुरू से ही मंदिर कमेटी दीपू के घर पहुंचती आ रही है और फिर वहां से झंडे की रस्म पूरी कर मंदिर पहुंच शोभायात्रा का आगाज किया जाता है।