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जल नेती व गज करनी से दूर भगाएं वायरस, गले व नाक की सफाई करके बैक्टीरिया को शरीर से निकालें बाहर

कोरोना वायरस मुंह नाक व आंखों के रास्ते शरीर में घुसता है। इसलिए योग क्रिया से नाक व गले की सफाई करना काफी जरूरी है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:44 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 03:10 PM (IST)
जल नेती व गज करनी से दूर भगाएं वायरस, गले व नाक की सफाई करके बैक्टीरिया को शरीर से निकालें बाहर
जल नेती व गज करनी से दूर भगाएं वायरस, गले व नाक की सफाई करके बैक्टीरिया को शरीर से निकालें बाहर

जालंधर [कमल किशोर]। किसी भी प्रकार के वायरस से निपटने में योग क्रियाएं काफी अहम भूमिका निभाती हैं। योग करने से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है। इन दिनों फैला कोरोना वायरस मुंह, नाक व आंखों के रास्ते शरीर में घुसता है। नाक शरीर का नाजुक हिस्सा है। जिसमें खून व ऑक्सीजन की सप्लाई अधिक होती है। ऐसे में वायरस या बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर लेता है। इसलिए योग क्रिया से नाक व गले की सफाई करना काफी जरूरी है।

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यह कहना है कैलाश नगर स्थित डिवाइन योग सेंटर के संचालक व अंतर राष्ट्रीय योग एक्सपर्ट सुरजीत सिंह का। सुरजीत पिछले तीस साल से योग से जुड़े हुए हैं। विदेशी भी इनसे योग सीख रहे हैं। योग के माध्यम से सुरजीत अब तक सैकड़ो लोगों को बीमारियों से निजात दिला चुके हैं। सुरजीत सिंह ने कहा कि जल नेती व गज करनी योग से नाक व गले की सफाई संभव है। उन्होंने सलाह दी कि सभी प्रकार की योग क्रियाएं बिना मास्क पहने करनी चाहिए। अगर मास्क लगाते हैं तो सांस लेने में परेशानी हो सकती है। साथ ही उन्होंने सलाह दी कि योग क्रियाएं करने के दौरान साथ में योग विशेषज्ञ होना जरूरी है।

जलनेती योग क्रिया

गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक डालकर एक नाक के सुराख से दूसरे सुराख से पानी निकालना है। इससे नाक से श्वास लेने का रास्ता साल हो जाता है। सभी बैक्टीरिया बाहर आ जाते हैं।

गज करनी क्रिया

गुनगुने पानी में नमक मिलाकर मुंह में डालकर नाक के रास्ते पानी को बाहर निकालें। इस क्रिया से शरीर के बैक्टीरिया व वायरस खत्म हो जाते हैं। साथ ही सांस लेने की प्रक्रिया बढ़ जाती है।

ये भी है जलनेती व गज करनी का फायदा

कई लोगों को मिट्टी, धुआं, कार्बन, पोलन, धान सी कटाई से उठने वाले कण से एलर्जी होती है। जल नेती करने व गज करनी क्रिया से गले व नाक की सफाई करके इस एलर्जी से छुटकारा पाया जा सकता है।

ये आसन करें और फेफड़े मजबूत बनाएं

पवन मुक्स आसन, पश्चमों तान, महामुद्रा आसन, कंधे चालन आसन, कंगी चालन आसन, मदानी आसन, प्राणायाम जैसे शीतकारी, कपालभाती, नाड़ी संशोधन, कुंभक प्राणाम से फेफड़े मजबूत बनते हैं। इसे करने से फेफड़ों की शक्ति छह गुणा तक बढ़ जाती है। कोविड-19 वायरस सबसे ज्यादा फेफड़ों को नुक्सान पहुंचाता है। इसलिए फेफड़ों का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा फेफड़े मजबूत करने के लिए शीतकारी प्राणायाम करें। इसमें व्यक्ति को दांतों के बीच में से लंबा सांस खींचना होता है और नाक के रास्ते बाहर निकालना होता है। इससे फेफड़े मजबूत होते हैं।

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