पंजाब में एनजीटी का आदेश, खनन ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर 315 करोड़ वसूल करे पीपीसीबी
पंजाब में अवैध रेत खनन को लेकर एनजीटी ने कड़ा रुख अपनाया है। एनजीटी ने पंजाब के पीपीसीबी को आदेश दिया है कि वह अवैध खनन करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर 315 करोड़ वसूले।
रूपनगर/जालंधर, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) को रूपनगर जिले की तीन खड्डों में हुए अवैध खनन के 315 करोड़ रुपये रिकवर करने के आदेश दिए हैं। एनजीटी के आदेश में नियमों दरकिनार कर खनन करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के लिए भी कहा गया है।
इससे पहले भी एनजीटी ने 18 मार्च 2020 को पंजाब सरकार के खनन विभाग को अवैध खनन पर लगाए जुर्माने की राशि ठेकेदारों से रिकवर करने की हिदायत दी थी लेकिन खनन विभाग यह नहीं कर पाया। एनजीटी ने अब दस जुलाई को सुनवाई के दौरान पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिकवरी का जिम्मा सौंपा है।
रूपनगर की तीन खड्डों में हुए अवैध खनन पर एनजीटी सख्त
नवंबर 2018 में एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने प्रशासन से बेईहारा खड्ड में ठेकेदार द्वारा मशीनें लगाकर अवैध खनन करने की शिकायत की थी। तत्कालीन डीसी गुरनीत तेज की करवाई जांच में पाया गया कि 10 फीट की मंजूरी वाली जगह पर 18 फीट तक खोदाई की गई है। इसके बाद तत्कालीन एडीसी लखमीर सिंह की अगुवाई में 8 फरवरी 2018 को सवाड़ा और हरसा बेला में अवैध खनन पाया था। खड्डों में 40 फीट तक खोदाई की गई थी। प्रशासन की जांच रिपोर्ट के आधार पर दिसंबर 2018 में चड्ढा ने जिले में हो रहे अवैध खनन को लेकर एनजीटी में याचिका दायर कर दी।
इस याचिका पर जनवरी 2019 में एनजीटी ने अवैध खनन रोकने, खनन से हुए नुकसान की पूर्ति की रिपोर्ट बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत खनन विभाग को दी थी। कुछ महीने कार्रवाई न होने बाद एनजीटी के पास आदेशों के उल्लंघन की दोबारा याचिका दायर की। इस बार एनजीटी ने अवैध खनन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए कमेटी गठित कर दी।
कमेटी ने पाया कि जिले की तीनों खड्डों में 2018 तक खूब अवैध खनन हुआ है। सवाड़ा खड्ड में 91.4 लाख मीट्रिक टन, बईहारा में 32.6 लाख मीट्रिक टन और हरसा बेला 40 हजार मीट्रिक टन खनन ज्यादा किया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर 315 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया। इस नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए तत्कालीन ठेकेदारों पर 315 करोड़ का जुर्माना लगा गया और खनन विभाग को इसे रिकवर करने की हिदायत दी गई। जब खनन विभाग यह राशि रिकवर नहीं कर पाया तो एनजीटी ने दोबारा निर्देश जारी कर यह जिम्मा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपा है।
खनन विभाग ने गुमराह किया: चड्ढा
एडवोकेट दिनेश चड्ढा का कहना है खनन विभाग के सचिव ने 23 अप्रैल 2019 को इस संबंध में बैठक की थी। इसके अलावा कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। खनन विभाग जब अवैध खनन के जुर्माने की राशि वसूल नहीं कर पाया तो एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं।
एनजीटी को भेजी थी एक रिपोर्ट : करुणेश
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी इंजीनियर करुणेश गर्ग का कहना है कि रिकवरी के संबंध में अब तक उन्हें एनजीटी के आदेश की कॉपी उन्हें नहीं मिली है। रूपनगर जिले की खड्डों में अवैध खनन की एक रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खनन विभाग की साझा टीम ने एनजीटी को भेजी थी। संभव है कि उसी रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी के आदेश आए होंगे। आदेश की कॉपी मिलने के बाद रिकवरी की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।