विद्यार्थियों की चेतावनी, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप नहीं मिली तो पीएपी चौक पर देंगे स्थायी धरना Jalandhar news
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने एक बार फिर डीसी आफिस के सामने प्रदर्शन किया।
जालंधर, जेएनएन। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने एक बार फिर डीसी आफिस के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी इसी बात पर अड़े हैं कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए। उनका कहना था कि कॉलेज प्रबंधन उन्हें बेवजह परेशान कर रहा है और उनसे यूनिवर्सिटी फीस के अलावा और भी कई तरीके से पैसे वसूल रहा है। विद्यार्थियों ने इसके बाद सोशल जस्टिस एंड इंपावरमेंट के डायरेक्टर मलविंदर सिंह जग्गी के साथ बैठक की।
जग्गी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे उनकी परेशानियों के संबंध में प्रिंसिपल सेक्टरी से बात करेंगे। सोमवार को इस संबंध में दूसरी बैठक की जाएगी, जिसमें खुद प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी होंगी और विद्यार्थियों का 11 सदस्य प्रतिनिधिमंडल अपना पक्ष रखें ताकि परेशानी का हल निकाला जा सके। विद्यार्थियों ने इस पर असहमति जताई और कहा कि 83 कॉलेजों में से 11 सदस्य निकालना संभव नहीं है। इसलिए प्रिंसिपल सेक्रेटरी समूह में आकर परेशानियां जानें और उन्हें सुलझाएं। अन्यथा इस बार सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे और अगर अब नतीजा नहीं निकला तो वे पीएपी चौक पर स्थायी धरना देंगे।
जब विद्यार्थियों ने डीसी आफिस घेरा तो उनके समर्थन में लोक इंसाफ पार्टी के जरनैल नंगल भी पहुंचे। उन्होंने भी कहा कि विद्यार्थियों को इंसाफ नहीं मिलने तक वे भी विद्यार्थियों के साथ है। इस मौके पर सुखविंदर शेरगिल, बलराज, शशि बंगल, कुल¨वदर कुमार, बलजिंदर, रूपलाल आदि थे। इस दौरान डीसी वरिंदर सिंह ने भी विद्यार्थियों की समस्या जल्द दूर करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर जीएस भुल्लर, एडीसी जसबीर सिंह, डीसीपी बलकार सिंह, उपमंडल मैजिस्ट्रेट राहुल सिंधू, डॉ. जैइंदर सिंह, सहायक कमिश्नर वरजीत वालिया, जिला भलाई अफसर रजिंदर सिंह, तहसील भलाई अफसर सरबजीत कौर थे।
वहीं, मीटिंग में शामिल बसपा नेता बलविंदर सिंह ने डायरेक्टर से कहा कि वे पहले इसे क्लियर करें कि सरकार कितनी स्कॉलरशिप दे रही है और कॉलेज कितनी मांग रहा है। जब तक यह स्थिति साफ नहीं होगी तब तक मामला भी नही सुलझेगा। अगर पैसा नहीं है तो स्कीम बंद ही क्यों नहीं कर देते।