कैंटर में कैबिन बना मध्यप्रदेश से लाई जा रही पौने चार क्विंटल भुक्की पकड़ी, एक गिरफ्तार
काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने होशियारपुर-फगवाड़ा रोड से कैंटर में विशेष केबिन में रख कर मध्यप्रदेश से तस्करी कर लाई जा रही 3.
जागरण संवाददाता, जालंधर : काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने होशियारपुर-फगवाड़ा रोड पर कैंटर में विशेष कैबिन में रखकर मध्यप्रदेश से तस्करी कर लाई जा रही 3.80 क्विंटल भुक्की बरामद की है। कपूरथला पुलिस के साथ मिलकर की गई इस संयुक्त कार्रवाई में कैंटर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि मुख्य तस्कर पुलिस नाका तोड़कर बोलेरो गाड़ी से भाग निकला। एआईजी हरकमलप्रीत ¨सह खख ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक बोलेरो गाड़ी और कैंटर (पीबी10एफएफ-6503) में भुक्की लाकर पंजाब में तस्करी की जा रही है। उन्होंने तुरंत कपूरथला एसएसपी स¨तदर ¨सह से बात कर होशियारपुर-फगवाड़ा रोड पर नाकाबंदी करवा दी। यहां चे¨कग के दौरान फगवाड़ा से आ रही एक बोलेरो गाड़ी को रुकने का इशारा किया तो ड्राइवर ने पुलिस नाका तोड़ गाड़ी भगा ली। पुलिस टीम ने बोलेरो के पीछे आ रहे कैंटर को रोक लिया। उसकी तलाशी लेने पर ड्राइवर की सीट के नीचे छिपाकर रखी दो बोरियां भुक्की बरामद हो गई। इसके बाद कैंटर के अंदर तलाशी ली गई तो उसके अंदर टीन की चादरों से बक्सा बनाया गया था। उसे खोलकर देखा तो 17 बोरियां भुक्की बरामद हुई।
पुलिस ने कैंटर ड्राइवर वेद प्रकाश पुत्र बलबीर ¨सह निवासी पपरा, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि बोलेरो ड्राइवर का नाम स्वर्ण ¨सह पुत्र भाग ¨सह निवासी परमजीत नगर जिला लुधियाना बताया है। उसे गिरफ्तार करने के लिए कपूरथला पुलिस ने टीम रवाना कर दी है।
तस्करी में होने वाली कमाई से मिलना था ड्राइवर को हिस्सा
आरोपित ड्राइवर वेद प्रकाश ने बताया कि भुक्की तस्करी में होने वाली कमाई में हिस्सा देने की बात कहकर स्वर्ण ने उसे अपने साथ मिला लिया था। इसके बाद वो कैंटर के आगे अपनी गाड़ी को पायलट के तौर पर ला रहा था ताकि कहीं पुलिस का खतरा दिखे तो आगाह कर ले लेकिन नाकाबंदी का उसे पता नहीं चला और वो खुद तो फरार हो गया। एआईजी खख ने बताया कि दोनों आरोपित पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश से नशे की खेप लाकर पंजाब के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई करते थे। काउंटर इंटेलिजेंस ने पिछले कुछ समय में भुक्की की यह सत्रहवीं बड़ी खेप पकड़ी है। रूटीन चे¨कग में कैबिन का पता लगाना मुश्किल, लालच ने पकड़वाया
एआईजी खख ने बताया कि इन तस्करों ने कैंटर को खास तौर पर भुक्की की तस्करी के लिए ही खरीदा था। इसके बाद उसके भीतर खास तरीके का कैबिन बनाया गया। उसे प्लाई व टीन की चादरों से इस तरह से डिजाइन कर बनाया गया था कि अगर पीछे से खाली कैंटर को भी देखो तो अंदाजा लगाना मुश्किल था कि उसके अंदर भुक्की भरी होगी। इसकी चौड़ाई भी एक बोरे के बराबर ही रखी गई थी ताकि ज्यादा बड़ा कैबिन न बने। कैबिन में 17 बोरियां भुक्की लादने के बावजूद तस्करों का लालच नहीं छूटा और उन्होंने ड्राइवर की सीट के नीचे भी दो बोरियां भुक्की रख दी। इन दोनों बोरियों की बरामदगी के बाद कैबिन का पता चला और भुक्की की यह खेप पकड़ी गई।