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बढ़ता प्रदूषण व आरामदायक जीवनशैली कैंसर का प्रमुख कारण

देश में लगातार बढ़ रहे कैंसर का प्रमुख कारण तेजी से बढ़ता प्रदूषण व आरामदायक जीवनशैली है।

By Edited By: Published: Fri, 16 Mar 2018 10:06 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 10:51 AM (IST)
बढ़ता प्रदूषण व आरामदायक जीवनशैली कैंसर का प्रमुख कारण
बढ़ता प्रदूषण व आरामदायक जीवनशैली कैंसर का प्रमुख कारण
जागरण संवाददाता, जालंधर : देश में लगातार बढ़ रहे कैंसर का प्रमुख कारण तेजी से बढ़ता प्रदूषण व आरामदायक जीवनशैली है। यही कारण है कि शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों से कैंसर के मरीज बहुत कम हैं। यह जानकारी टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई के हेड एंड नेक रिकोनस्टेरूक्टिव सर्जन डॉ. अनिल डीक्रूज ने दी। वे पटेल अस्पताल की तरफ से लैरिक्स कैंसर पर शुरू हुई तीन दिवसीय नेशनल वर्कशॉप 'ऑन हेड एंड नेक साल्वेज' के पहले दिन शुक्रवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज कर लिया जाए तो कैंसर से छुटकारा पाना संभव है। उन्होंने कहा कि अगर दो सप्ताह तक लगातार आवाज खराब रहती है तो यह लैरिक्स कैंसर का संकेत है। इसके लिए समय पर ईएनटी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लेना चाहिए। पहली स्टेज में मेडिसन से, दूसरी स्टेज पर रेडियोथिरेपी व तीसरी स्टेज पर सर्जरी व चौथे स्टेज पर लैरिक्स कैंसर का उपचार करने के लिए गले में आवाज का बक्सा निकाल कर रेडियोथिरेपी की जाती है। मेदांता अस्पताल, गुड़गांव के डॉ. केके हांडा ने कहा कि सिगरेट, शराब, तंबाकू व गुटखे का लगातार सेवन लैरिक्स कैंसर का प्रमुख कारण है। आवाज खराब होने पर शुरुआत में मरीज इसे हल्के में लेते हैं, जबकि, दो सप्ताह के बाद केवल विशेषज्ञ को ही जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कैंसर लाइलाज नहीं है, केवल सही विशेषज्ञ से ही उपचार करवाना चाहिए। डॉ. कुमुद सूद ने बताया कि कैंसर का इलाज पहले तीन स्तर पर होता था, जिसमें सर्जरी, रेडियोथिरेपी व कोमियोथिपेरी थी। अब इम्योनोथिरेपी के साथ भी कैंसर को खत्म किया जाता है। कैंसर के इलाज के बाद दोबारा कैंसर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसे कई केस सामने आए हैं। इसके लिए कैंसर के उपचार के दौरान किसी कण का शरीर में रह जाना प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि उपचार सही न होने के कारण ऐसा होता है। कैंसर शरीर पर हावी न हो इसके लिए पहले से शरीर को तैयार किया जाए ऐसा रिसर्च जारी है। पटेल अस्पताल से लाइव सर्जरी का प्रदर्शन भी किया गया। कांफ्रेंस के दौरान स्टेरियो तकनीक, रेडियोथैरेपी मोनो क्लोनल एटी बॉडी तकनीक के बारे में भी बताया गया। इस मौके पर पटेल अस्पताल से डॉ. शमित चोपड़ा, डॉ. अलोक ठाकुर, डॉ. अरुणपी, डॉ. अशोक स्वाहनी, डॉ. दीपक सरीन, डॉ. ईश्वर ¨सह, डॉ. ईश्वर ¨सह, डॉ. कपिल सिक्का (एम्स दिल्ली), डॉ. सुरेन्द्र (फोर्टिज अस्पताल), डॉ. सुरेश शर्मा (एम्स दिल्ली), डॉ. अर्चना दत्ता (पिम्स), डॉ. गगन सैनी (मैक्स अस्पताल, दिल्ली) सहित विभन्न राज्यों से डॉक्टरों का शिष्टमंडल शामिल हुआ। शरीर को वजन के मुताबिक प्रति किलो एक ग्राम प्रोटीन रोज चाहिए टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई के हेड एंड नेक रिकोनस्टेरूक्टिव सर्जन डॉ. अनिल डीक्रूज ने कहा कि लोगों में प्रोटीन की कमी के कारण कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि शरीर के वजन के मुताबिक प्रति किलो के लिए एक ग्राम रोजाना प्रोटीन की जरूरत होती है। 100 ग्राम नॉन वैज में 20 ग्राम प्रोटीन होता है। इसी तरह सोया, लोबिया, दूध, पनीर व राजमां में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मौजूद है।

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