सब कमेटियों के गठन में हुई राजनीति, मेयर जगदीश राजा पर भड़के कई पार्षद
दो साल बाद गठित कर गई 14 विभागों की सब कमेटियां को बनाने से पहले सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर और डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी से भी सलाह तक नहीं ली गई।
जालंधर, जेएनएन। नगर निगम की सब कमेटियों के गठन में हुई राजनीति से नाराजगी पैदा हो गई है। पार्षद देसराज जस्सल, पार्षद बचन लाल, पार्षद राजीव ओमकार टिक्का और रोहन सहगल ने मेयर जगदीश राजा पर भड़ास निकाली है। देसराज जस्सल ने तो हेल्थ एंड सेनीटेशन एडहॉक कमेटी की सदस्यता लेने से ही इन्कार कर दिया है। दो साल बाद गठित कर गई 14 विभागों की सब कमेटियां को बनाने से पहले सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर और डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी से भी सलाह तक नहीं ली गई।
जस्सल बोले पिछली सरकार में भी धरने दिए, अब जरूरत पड़ी तो पीछे नहीं हटूंगा। 14 सब कमेटियों के गठन में मेयर जगदीश राजा ने पहली बार पार्षद बनने वालों को चेयरमैन नहीं बनाया है लेकिन जो सबसे सीनियर हैं उन्हें मेंबर तक ही सीमित रख कर विवाद को जन्म दे दिया है। पांच बार के पार्षद देसराज जस्सल ने तो स्पष्ट कहा है कि उनकी अनदेखी की गई है और वह किसी कीमत पर मेंबर के रूप में काम नहीं करेंगे। जस्सल ने कहा है कि वह सबसे सीनियर पार्षद हैं लेकिन उन्हें एक जूनियर के अधीन कमेटी में रखा गया है। वह इस तरह की मेंबरशिप कबूल नहीं करेंगे। जस्सल ने कहा कि वे जनता से जुड़े नेता हैं और जनता के दम पर ही काम करेंगे।
जस्सल ने कहा कि पिछले 10 सालों में अकाली-भाजपा सरकार के खिलाफ उन्होंने अकेले 73 धरने दिए हैं। पार्टी की रैलियों में भीड़ जुटाई लेकिन जब सत्ता आई तो उनसे भेदभाव किया जा रहा है। देसराज जस्सल ने कहा कि वह पहले भी काम करवाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं और अब जरूरत पड़ी तो धरनों के लिए फिर तैयार हैं। जस्सल ने कहा कि सब कमेटियां इसलिए ही बनाई जाती हैं कि लोगों की समस्याएं मेयर तक पहुंचाई जा सकें लेकिन लगता है कि मेयर ऐसा नहीं चाहते।
वेस्ट हलका नजरअंदाज, करीबियों को बनाया चेयरमैन : टिक्का
पार्षद रजीव ओंकार टिक्का ने कहा कि सीनियर होने के साथ-साथ काम की क्षमता भी देखी जानी चाहिए। मेयर जगदीश राज राजा ने जिन्हें चेयरमैन बनाया है, उनमें से कई के पास योग्यता तक नहीं है। वेस्ट हलके को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। वेस्ट हलके के पार्षदों को कमजोर कमेटियों का चेयरमैन बनाया गया है। मेयर ने सिर्फ उन लोगों को चेयरमैन बनाया है जो या तो सेंट्रल हलके से जुड़े हैं या फिर विरोध करने की क्षमता नहीं रखते। टिक्का ने कहा कि जो हाउस में नहीं बोलते वह चेयरमैन बन कर क्या कर लेंगे।
क्षमता के हिसाब से मिलनी चाहिए सब कमेटी : बचन लाल
पब्लिक रिलेशन एडहॉक कमेटी के चेयरमैन बनाए गए एडवोकेट बचन लाल ने भी नाराजगी व्यक्त की है। पूर्व डिप्टी मेयर बचन लाल ने कहा कि उनकी सब कमेटी ने क्या करना है, इसकी भी जानकारी नहीं है। हर व्यक्ति को उसकी क्षमता के अनुसार जगह मिलनी चाहिए। उन्हें जब चेयरमैन नियुक्त करने की लेटर मिलेगी तो वह मेयर से इस संबंध में बात करेंगे।
जस्सल ने खुद ही चेयरमैन बनने से इन्कार किया था : मेयर
मेयर जगदीश राजा ने कहा कि देसराज जस्सल को नाराज नहीं होना चाहिए। सब कमेटियां बनाने से पहले उनसे बात की गई थी। उन्होंने स्वयं चेयरमैन बनने से इन्कार कर दिया था। सब कमेटियों में सभी को एडजस्ट नहीं किया जा सकता। सबकी नाराजगी दूर नहीं की जा सकती।
सुरिंदर कौर का टिप्पणी से इन्कार, बंटी ने कहा- कमेटियां बनाने से पहले उनसे नहीं पूछा
सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर ने सब कमेटियों के गठन से पहले मेयर जगदीश राजा के उनसे सलाह लेने के सवाल पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि मेयर के पास पूरे अधिकार हैं। डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने कहा कि गठन से पहले उनकी सलाह नहीं ली गई। उन्हें सब कमेटियों के गठन की जानकारी नहीं दी गई।
हेल्थ-सेनीटेशन कमेटी की मीटिंग कल
हेल्थ एंड सेनीटेशन कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर ने पांच फरवरी को सब कमेटी की मीटिंग बुला ली है। यह मीटिंग दोपहर तीन बजे कमिश्नर के कांफ्रेंस हॉल में होगी। देसराज जस्सल इसी कमेटी के मेंबर हैं। रोहन सहगल भी इस कमेटी के मेंबर हैं और मेयर से नाराज भी हैं। यह कमेटी शहर में कूड़े की मैनेजमेंट के लिए लोगों से बात करके मेयर को सुझाव देगी।