जौहल पर पंजाब से इंग्लैंड तक गरमाई राजनीति, ब्रिटेन में चल रहा कैंपेन
हिंदू नेताओं की हत्या मामले में गिरफ्तार जगतार सिंह जौहल उर्फ जग्गी को लेकर पंजाब से इंग्लैंड तक राजनीति गर्म हो गई है।डेविड कैमरन और कैप्टन आमने-सामने आ गए।
जेएनएन, जालंधर। हिंदू नेताओं की हत्या मामले में गिरफ्तार ब्रिटिश नागरिक जगतार सिंह जौहल उर्फ जग्गी को लेकर पंजाब से इंग्लैंड तक सियासत गर्मा गई है। इंग्लैंड में 'फ्री जग्गी' नाम से ऑनलाइन कैंपेन चल रहा है। यहां तक कि ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन आमने-सामने आ गए हैं। आम आदमी पार्टी भी जौहर के समर्थन में उतर आई है। उसने शक जताया है कि जौहल के खिलाफ पुलिस झूठा मामला बना सकती है। भाजपा और शिरोमणि अकाली दल ने इस मामले सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
जौहर के साथ मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर ब्रिटेन सरकार और पंजाब में हो रही प्रतिक्रियाओं के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोर्चा संभाला है। अकाली दल द्वारा इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग के जरिये कैप्टन ने आम आदमी पार्टी और अकाली दल के साथ डेविड कैमरन को भी आड़े हाथ लिया है।
कैप्टन और कैमरन आमने-सामने, कहा- मानवाधिकार उल्लंघन के साक्ष्य पेश करें विरोध करने वाले
कैप्टन ने डेविड कैमरन का नाम लिए बिना कहा है कि जो लोग मानवाधिकार उल्लंघन की बात कर रहे हैं वे इसका साक्ष्य प्रस्तुत करें। कैप्टन ने कहा कि पूरे मामले में पंजाब में अमन व शांति भंग करने की गहरी साजिश रची गई थी। जिस भी नेता के पास इस मामले में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर कोई साक्ष्य है, वह पेश करे या फिर इस मामले में पंजाब व देश के खिलाफ षड्यंत्र रचना बंद करे। मुख्यमंत्री ने ब्रिटिश नागरिक जौहल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया। उन्हाेंने कहा है कि जो भी लोग व नेता गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं वे पंजाब के हितैषी नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जौहल की गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश करने से लेकर मेडिकल करवाने व पारिवारिक सदस्यों व ब्रिटिश हाई कमीशन के अधिकारियों से मिलने देने तक कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। जौहल की गिरफ्तारी पुलिस ने पुख्ता सबूतों के आधार पर की है। शिरोमणि अकाली दल व आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से जौहल के समर्थन में जारी बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे नेताओं को पंजाब के हितों की कोई परवाह नहीं है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आरएसएस व शिवसेना नेताओं की हत्या मामले में जौहल की भूमिका थी। पुलिस इस मामले में कानून का पालन कर रही है। हमारी सरकार किसी भी बेकसूर को झूठे मामलों में फंसाने की नीयत नहीं रखती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पंजाब व देश की एकता व अखंडता भंग करने की इजाजत दी जाएगी। पूरे मामले में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा षडयंत्र रचा जा रहा है। यही नहीं पंजाब पुलिस के कुछ अफसरों को जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं।
क्या है ताजा विवाद
पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या के मामले में पुलिस ने बीते दिनों कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें इंग्लैंड में रह रहा एनआरआइ जगतार सिंह जौहल भी शामिल है। ब्रिटिश सरकार ने आरोप लगाया था कि जौहल को गिरफ्तार कर पंजाब सरकार ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।
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कौन है जगतार सिंह जौहल उर्फ जग्गी
ब्रिटिश नागरिक जगतार सिंह मूल रूप से पंजाब के जालंधर का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार, वह खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स का सदस्य है। उसे पंजाब पुलिस ने इसी माह गिरफ्तार किया था। वह मॉड्यूल के सदस्यों के षड्यंत्र, उनमें तालमेल बैठाने, पैसा पहुंचाने तथा हथियार सप्लाई करने में शामिल था। जग्गी एक अन्य ब्रिटिश नागरिक गुरशरणबीर सिंह से भी संपर्क में था, जो जुलाई, 2009 में राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष रुलदा सिंह की हत्या में वांछित था।
पुलिस कहना है कि उसके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि जग्गी ने ही गुरशरणबीर सिंह और हरमीत से साजिश रच कर हिंदू नेताओं की हत्या की साजिश रची। जग्गी टार्गेट्स की सिलेक्शन, मॉड्यूल को बनाने तथा गैंगस्टर धर्मेंद्र सिंह गुगनी से मिलकर हथियार सप्लाई करने में संलिप्त था। इससे पहले गुगनी ने मॉड्यूल के सदस्यों को उत्तर प्रदेश और बिहार से हथियार सप्लाई करवाए थे।
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जौहल से ब्रिटिश उच्चायाेग के अधिकारी कर चुके हैं मुलाकात
लुधियाना के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राजिंदर सिंह तेजी की अदालत ने जगातर सिंह जौहल से मुलाकात के लिए ब्रिटिश उच्चायोग के अधिकारी एंड्रयू ऐरी को एक घंटे का समय दिया। इसके बाद ऐरी ने जौहल से एक घंटे तक बातचीत की। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया कि दोनों में क्या बात हुई।
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अकाली दल-भाजपा ने कहा, स्थिति स्पष्ट करे सरकार
पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या के मामले में पकड़े गए इंग्लैंड के एनआरआइ जगतार सिंह जौहल को लेकर पंजाब की राजनीति गरमाने लगी है। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बयान के बाद शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने कहा कि जौहल को लेकर पंजाब सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। जौहल के साथ मानवाधिकार हनन को लेकर पूरे विश्व में पंजाब की बदनामी हो रही है।
अकाली दल के महासचिव व विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि अकाली दल किसी का समर्थन नहीं करता, लेकिन वह यह मांग करता है कि इस मामले में विश्व में पंजाब की बदनामी हो रही है। अत: सरकार इस मामले में स्थिति स्पष्ट करे। हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का समर्थन किया कि इस मामले की जांच में इंग्लैंड की एजेंसी को शामिल नहीं करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आप के विधायक कंवर संधू ने मांग की थी कि जौहल में मामले में पंजाब पुलिस और इंग्लैंड की एजेंसी को मिलकर जांच करनी चाहिए।
मांग पत्र पर भाजपा नेताओं ने भी किए हस्ताक्षर
जौहल को लेकर भाजपा के मतभेद भी सामने आए हैं। विधानसभा में भाजपा विधायक सोमप्रकाश और दिनेश बब्बू ने स्पीकर को दिए मांग पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसमें जौहल मामले के तथ्यों को सामने लाने के बारे में कहा गया। जबकि एक दिन पहले ही भाजपा उपप्रधान उप प्रधान हरजीत सिंह ग्रेवाल और प्रदेश सचिव विनीत जोशी ने आरोप लगाया था कि जौहल हत्याओं को अंजाम देने के लिए फंड उपलब्ध करवाता था। इन नेताओं ने आप नेताओं की ओर से जौहल के समर्थन में बयान जारी करने को लेकर आप की निंदा की थी।
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जौहल मामले में संदिग्ध हो सकती है पुलिस की भूमिका: फूलका
आम आदमी पार्टी के विधायक एवं विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष एडवोकेट एचएस फूलका ने कहा है कि धार्मिक नेताओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार ब्रिटिश नागरिक जगतार सिंह जौहल के मामले में पंजाब पुलिस की भूमिका संदिग्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कुछ मामलों में पुलिस ने जिन्हें कसूरवार बनाया था बाद में वह लोग पाक साफ निकले।
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