उल्टा चश्मा: दुकानें खुलवाने को सभी उतरे मैदान में... मकसूदां मंडी में एक तीर से दो निशाने
कर्फ्यू के खत्म होते ही नरम पड़े प्रशासनिक अधिकारियों पर सियासी नेता हावी होने लगे। नेताओं ने भी बंद दुकानें खुलवा कर दुकानदारों की वाहवाही भी लूट ली।
जालंधर, [शाम सहगल]। पंजाब में 18 मई को कर्फ्यू खत्म करने के बाद जिला प्रशासन ने शहर के विभिन्न बाजारों को शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दी है। ऑड/ईवन फार्मूला लागू करने के साथ-साथ समय भी निर्धारित किया गया था। इसी बीच ग्राहकों की कमी को देखते हुए दुकानदारोंं ने ऑड/ईवन फार्मूले को सबसे बड़ी बाधा मानते हुए प्रशासन के समक्ष इसे रद करने की मांग रख दी। कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है। इस कारण जिला प्रशासन ने इसे रद करने की इजाजत नहीं दी। कारोबार के पटरी पर ना आता देख आखिरकार कारोबारियों ने सियासतदानों की चौखट पर दस्तक देनी शुरू कर दी। उधर, कर्फ्यू के खत्म होते ही नरम पड़े प्रशासनिक अधिकारियों पर सियासी नेता हावी होने लगे। नेताओं ने बंद दुकानें खुलवा कर दुकानदारों की वाहवाही भी लूट ली। मौके को कैश करने में मोहल्ला स्तर के प्रधान भी पीछे नहीं रहे।
एक तीर से हुए दो निशाने
मकसूदां सब्जी मंडी में 20 साल से अवैध फडिय़ां लगाकर रिटेल कारोबार किया जा रहा है। इन्हें हटाने के लिए विधायक से लेकर जिला मंडी बोर्ड द्वारा लंबे समय तक प्रयास किया जाता रहा है। कभी फड़ी लगाने वालों को अदालत से राहत मिलती रही तो कभी आढ़तियों की आपसी सियासत का फायदा यहां पर फड़ी लगाने वालों को मिलता रहा। यहां तक कि एक बार तो मंडी में पुलिस लगाकर थड़ी ना लगाने की मुनादी भी कर दी गई, लेकिन यहां भी सियासी अड़चन में सारा काम रोक दिया। इस बार जिला मंडी बोर्ड ने एक तीर से दो शिकार कर दिए। पुरानी सब्जी मंडी में रिटेल फड़ियों का काम शुरू होते ही मकसूदां सब्जी मंडी में भी फड़ियां लगाने की मांग उठने लगी। मंडी बोर्ड ने कोरोना फैलने की बात कह कर पुरानी जगह पर फड़ियां लगाने की बजाय इन्हें पीछे पड़ी जगह पर शिफ्ट करवा दिया।
बहल ने थामा व्यापारियों का हाथ
करीब डेढ़ महीने तक घरों में दुबके रहे व्यापारियों को कर्फ्यू खत्म होते ही आशा की किरण दिखाई दी लेकिन प्रशासनिक नियमों में बंधे होने के कारण यह किरण धुंधली पड़ गई। कहीं पर दुकानें खोलने के लिए समय की सीमा निर्धारित करना तो कहीं पर ऑड/ईवन की बंदिश ने दुकानदारों को रोजाना बैरंग लौटने पर विवश कर दिया। इसी दौरान जिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष पविंदर बहल की व्यापारियों के प्रति संवेदना जागी तो उन्होंने ना सिर्फ कारोबारियों का हाथा बल्कि कमर कस कर मैदान में उतर आए। इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ बैठकें करके दुकानें खुलवाने के लिए जद्दोजहद की। इसका असर भी हुआ। जिला प्रशासन ने जहां ऑड-ईवन फार्मूले की शर्त को हटाया, वहीं कुछ नए इलाकों में भी दुकानें खोलने की मंजूरी दे दी। यह पहला अवसर था, जब जिला जालंधर व्यापार मंडल को व्यापारियों के पक्ष में इस हद तक संघर्ष करना पड़ा है।
पहले आढ़ती, अब बनेंगे फड़ी वाले
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने प्रतापपुरा में सब्जी मंडी खोलने का फैसला किया। इस दौरान जब मकसूदां सब्जी मंडी के आढ़तियों ने लाइसेंस नहीं लिया तो कई ऐसे लोग भी आढ़ती बन गए जिन्हें इसका कोई तजुर्बा तक नहीं था। इसी बीच जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि अब मकसूदां सब्जी मंडी में फड़ी के लाइसेंस भी दिए जाएंगे। इसका पता चलते ही प्रतापपुरा में हाल ही में बने आढ़तियों ने दोनों हाथों में लड्डू रखने की इच्छा को पालते हुए मकसूदां मंडी में फड़ का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन कर दिया है। ऐसे में अब वे प्रतापपुरा में तो अपनी दुकान में कारोबार करते और मकसूदां में जमीन पर फड़ लगाकर फल और सब्जियां बेचते नजर आएंगे। दरअसल आढ़ती का मार्केट में एक रुतबा होता है और वह कभी फड़ नहीं लगाता, लेकिन नए बने आढ़तियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा।