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मिलावटखोरों से सावधान! केमिकल और डालडा से नकली देसी घी बना गांवों में बेचता था ये शख्स Jalandhar News

आरोपित प्रिंस देशी घी में डालडा मिलाता था और उसमें असली देशी घी की खुशबू लाने के लिए केमिकल स्प्रे करता था।

By Edited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 10:21 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 11:46 AM (IST)
मिलावटखोरों से सावधान! केमिकल और डालडा से नकली देसी घी बना गांवों में बेचता था ये शख्स Jalandhar News
मिलावटखोरों से सावधान! केमिकल और डालडा से नकली देसी घी बना गांवों में बेचता था ये शख्स Jalandhar News

जालंधऱ, जेएनएन। बस्ती बावा खेल पुलिस ने हरबंस नगर में केमिकल और डालडा से नकली देसी घी तैयार करने के कारोबार का पर्दाफाश किया है। दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने यहां से 40 किलो नकली देसी घी, पैकिंग मशीन और प्लास्टिक के पैकेट बरामद किए हैं। साथ ही, सेहत विभाग की टीम बुलाकर सैंपल भी भरवाए गए।

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थाना इंचार्ज मेजर सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मकान नं. 1, साजन पैलेस वाली गली, हरबंस नगर का प्रिंस अरोड़ा देसी घी में केमिकल मिक्स कर बाजार में बेचता है। एएसआइ सुखदेव सिंह ने पुलिस पार्टी के साथ वहां रेड कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। मौके से घी के घी के पैकेट, पीपे और टीन मिले।। कुछ पैकेट खाली भी बरामद किए गए। बाद में जिला सेहत अफसर डॉ. एसएस नांगल फूड सेफ्टी अफसर राशू महाजन व रोबिन कश्यप को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने बरामद घी के चार सैंपल लिए। इन्हें जांच के लिए खरड़ स्थित स्टेट फूड लैबोरेटरी में भेजा जाएगा। घी में कौन सा केमिकल मिलाया जा रहा था, इसका पता रिपोर्ट आने के बाद चलेगा।

महक के लिए मिलाता था केमिकल

आरंभिक जांच में सामने आया कि आरोपित प्रिंस चोपड़ा देसी घी में डालडा मिक्स करता था। इसके बाद भी उसमें से देशी घी जैसी खुशबू आती रहे, इसके लिए सेंट रूपी केमिकल का इस्तेमाल करता था ताकि उसे खरीदने के बाद ग्राहक को इसका पता न चल सके और वो मोटी कमाई करता रहे।

श्री नंद गोपाल लिखे पैकेट मिले

पुलिस ने मौके से श्री नंद गोपाल लिखे घी के पैकेट बरामद किए हैं। इनमें प्रिंस इस केमिकल युक्त घी को बेचता था। इसके ऊपर उसने 'खरा परखा जांचा, हर कसौटी पर सांचा' स्लोगन लिखवा रखा था ताकि लोगों को शक न हो। जिला सेहत अफसर डॉ. एसएस नांगल ने कहा कि इसके पास घी बनाने या बेचने का कोई लाइसेंस नहीं है। जो पैकेट मिले हैं, उन पर भी कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लिखा है।

स्कूटी में गांवों में करता था सप्लाई

एसएचओ मेजर सिंह ने बताया कि प्रिंस अरोड़ा पिछले लगभग पांच महीने से नकली घी बना रहा था। घी बनाने के बाद उसे पैकेट में भरकर वो ग्रामीण क्षेत्रों में इसे देसी घी कहकर बेचता था। वह आसपास के दुकानदारों को भी इसकी सप्लाई करता था। उसने घी को असली साबित करने के लिए जाली मार्का भी लगा रखा था। आरोपित ने यह धंधा कहां से सीखा, इस बारे में पूछताछ की जा रही है।

नकली घी खाने से हो सकती हैं ये बीमारियां

जिला सेहत अफसर डॉ. एसएस नांगल ने बताया कि इस तरह के घी का सेवन करने से पेट खराब होने के साथ गले व छाती के रोग हो सकते हैं। वहीं, आतों में अल्सर और अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। अगर लंबे समय तक केमिकल युक्त घी का सेवन करते रहें तो इससे कैंसर का भी खतरा रहता है।


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