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फतेह फिलिग स्टेशन मामले में पूर्व सरपंच माणकू के खिलाफ केस

फतेह फिलिग स्टेशन रुड़का रोड बुंडाला में पार्टनरशिप के मामले में गोराया पुलिस ने गांव अट्टा के पूर्व सरपंच जसप्रीत सिंह माणकू के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 10:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 10:14 PM (IST)
फतेह फिलिग स्टेशन मामले में पूर्व 
सरपंच माणकू के खिलाफ केस
फतेह फिलिग स्टेशन मामले में पूर्व सरपंच माणकू के खिलाफ केस

संवाद सहयोगी, गोराया : फतेह फिलिग स्टेशन, रुड़का रोड बुंडाला में पार्टनरशिप के मामले में गोराया पुलिस ने गांव अट्टा के पूर्व सरपंच जसप्रीत सिंह माणकू के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

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पुलिस को दी शिकायत में अट्टा निवासी तरलोचन सिंह पुत्र सरवन सिंह ने बताया कि उसने पूर्व सरपंच अट्टा जसप्रीत सिंह माणकू पुत्र महिंद्र सिंह के साथ मई 2016 में पेट्रोल पंप (फतेह फिलिग स्टेशन, रुड़का रोड बुंडाला) की 50 प्रतिशत की पार्टनरशिप की थी। पार्टनरशिप पत्नी के नाम पर थी जिसकी डीड पंजीकृत है। बाद में उनका विवाद हो गया। जिस पर गणमान्य लोगों की उपस्थिति में एक जुलाई 2017 को दोनों पक्षों में राजीनामा करवा दिया गया और यह पार्टनरशिप खत्म हो गई। समझौते के मुताबिक माणकू ने उन्हें 40 लाख का भुगतान करना था लेकिन उसने यह रकम नहीं दी। पार्टनरशिप खत्म होने के बाद से उनकी तथा उसकी पत्नी की जसप्रीत सिंह माणकू से बोलचाल भी नहीं है। रकम का भुगतान न होने पर जब वह पेट्रोल पंप पर जाने की कोशिश करता था तो जसप्रीत सिंह उसे रोक देता व पेट्रोल पंप बेचने की धमकी देने लगा। 28 मार्च 2019 को पत्नी ने अदालत में याचिका दायर करके स्टे ऑर्डर ले लिया। केस की अगली पेशी 17 मई को थी। इसी बीच माणकू ने तीन मई को अपने वकील की मार्फत एक नोटिस भेज दिया जिसमें आरोप था कि उन्होंने (तरलोचन सिंह) दो सितंबर 2018 को उससे छह लाख 50 हजार रुपये की मांग की थी। जिस पर उसने चार सितंबर को मुझे तीन लाख रुपए तथा फिर छह नवंबर को तीन लाख 50 हजार रुपये दिए। बदले में मेरी (तरलोचन सिंह) की तरफ से ए मई 2019 को छह लाख 50 रुपये का चेक जसप्रीत सिंह माणकू को दिया गया। शिकायतकर्ता तरलोचन सिंह के अनुसार उन्होंने ऐसा कोई चेक कभी जसप्रीत सिंह को नहीं दिया। जब दोनों में सांझीदारी थी तब उसकी चेक बुक एवं बैंक की पासबुक वगैरह पेट्रोल पंप के दफ्तर में ही पड़ी रहती थी। कई बार विश्वास के नाते वह लेनदेन के लिए जसप्रीत सिंह को हस्ताक्षर करके ब्लैंक चेक भी दे देता था। उसी का फायदा उठाकर जसप्रीत सिंह ने दबाव बनाने के लिए यह चाल चली व चेक बैंक में लगा दिया जबकि जिस खाते का चेक बैंक में लगाया गया उसे तीन वर्ष पूर्व वे बंद करवा चुका है। मामले की जांच में पुलिस ने जसप्रीत सिंह माणकू को राजीनामे के अनुसार 40 लाख रुपये वापस न करने तथा जानबूझ कर राजीनामे पर किए हस्ताक्षरों से मुकरने का दोषी पाया है। जिस पर जसप्रीत सिंह माणकू के खिलाफ थाना गोराया में धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है।

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