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पांच किलो चरस और डेढ़ किलो अफीम समेत दो गिरफ्तार

देहाती पुलिस ने पांच किलो 300 ग्राम चरस और डेढ़ किलो अफीम समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 07:53 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 07:53 PM (IST)
पांच किलो चरस और डेढ़ किलो अफीम समेत दो गिरफ्तार
पांच किलो चरस और डेढ़ किलो अफीम समेत दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, जालंधर : देहाती पुलिस ने पांच किलो 300 ग्राम चरस और डेढ़ किलो अफीम समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ थाना फिल्लौर में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। चरस समेत पकड़ा आरोपित बिहार और अफीम के साथ पकड़ा गया आरोपित महाराष्ट्र का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों आरोपित दिहाड़ीदार हैं और ज्यादा पैसे कमाने के लालच में नशे की तस्करी करने लगे। जालंधर देहाती के एसएसपी नवजोत माहल ने बताया कि एसएचओ फिल्लौर ज¨तदर कुमार और एसआइ सुखदेव ¨सह पुलिस पार्टी के साथ सतलुज पुल हाइटेक नाके पर स्पेशल चे¨कग कर रहे थे। शाम करीब 4 बजे लुधियाना की तरफ से आई बस से एक व्यक्ति उतरा, जिसके हाथ में किट बैग पकड़ा था। वो जल्दबाजी में शनि मंदिर की तरफ जाने लगा। जिससे पुलिस को उस पर शक हो गया।

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पुलिस ने डीएसपी स्पेशल ब्रांच परमजीत ¨सह की हाजिरी में उसकी तलाशी ली तो उसके बैग में प्लास्टिक लिफाफे के भीतर प्लास्टिक के पेपर धूप की तरह बत्तियां रखी हुई थीं। पुलिस ने जांच की तो वो चरस निकली। उससे कुल पांच किलो 300 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपित निरंजन कुमार पुत्र अंबिका महतो निवासी डोडीटोला थाना सुगोली जिला मोतिहारी (बिहार) के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

उधर, चे¨कग के दौरान ही एक अन्य व्यक्ति पर संदेह हुआ। पुलिस ने उसके बैग की तलाशी ली तो उसमें से डेढ़ किलो अफीम बरामद की। पुलिस ने आरोपित ईश्वर लाल पुत्र गोवर्धन लाल निवासी तलाऊ पीपीया थाना नारायणगढ़ जिला मंदसौर (महाराष्ट्र) पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। यह अफीम वह मध्यप्रदेश से लेकर आया था। पहली बार आए थे पंजाब

थाना फिल्लौर के एसएचओ ज¨तदर ¨सह ने कहा कि पकड़े गए दोनों आरोपित पहली बार पंजाब आए थे। जिस वजह से पूछताछ के वक्त वो घबरा गए और पुलिस को उन पर शक हुआ। उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ पंजाब में किसी तरह की नशा तस्करी का केस दर्ज होने के बारे में अभी पता नहीं चला है। डिलीवरी के मिलने थे 10 हजार

एसएचओ ज¨तदर ¨सह के मुताबिक पूछताछ में दोनों ने बताया कि वो मजदूरी करते हैं। उसमें अच्छी कमाई नहीं हो रही थी। फिर नशा तस्करों ने उनसे संपर्क किया और यह डिलीवरी देने के बदले 10-10 हजार रुपये देने की बात कही। इसमें उनके यहां आने-जाने का किराया और खाने-पीने का खर्चा उन्हें अलग से मिलना था। फोन आने पर देनी थी डिलीवरी

पंजाब में बैठे तस्करों ने पकड़े जाने के डर से अब सप्लाई देने आने वालों से नाम-पता छुपाना शुरू कर दिया है। पुलिस पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि डिलीवरी किसे होनी है?। उन्हें कहा गया था कि वहां पहुंचने के बाद उन्हें फोन आएगा और फिर उस फोन पर बताई लोकेशन पर जाकर डिलीवरी देनी है। हालांकि पुलिस का कहना है कि इन लोगों के पास उनका नंबर नहीं है।


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