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रैणक बाजार में सजा रहा संडे बाजार, भगवान वाल्मीकि चौक व नकोदर चौक से हटाए दुकानदार Jalandhar News

ज्योति चौक के अंदर संडे बाजार आम दिनों की तरह लगा। संडे बाजार को हटाने का मकसद अवैध कब्जे हटाने के साथ साथ ट्रैफिक व्यवस्था लॉ एंड आर्डर को सुधारना भी था।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 02:42 PM (IST)
रैणक बाजार में सजा रहा संडे बाजार, भगवान वाल्मीकि चौक व नकोदर चौक से हटाए दुकानदार Jalandhar News
रैणक बाजार में सजा रहा संडे बाजार, भगवान वाल्मीकि चौक व नकोदर चौक से हटाए दुकानदार Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। बीते दो महीने से भगवान वाल्मीकि चौक (ज्योति चौक), नकोदर चौक, बस्ती अड्डा पर लगने वाले संडे बाजार को रोकने में जुटी निगम और पुलिस को आखिरकार सफलता मिली और इस हफ्ते संडे बाजार नहीं लगा। हालांकि इस हफ्ते फड़ी वालों ने कोई विरोध नहीं किया, लेकिन रैणक बाजार में फड़ी माफिया पूरी तरह से डटा रहा। ज्योति चौक से रैणक बाजार के अंदर की तरफ घुसते ही बाजार लगा जो फूलों वाली मार्केट तक लगा रहा।

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रविवार को सुबह आठ बजे से ही पुलिस की टीमें सड़कों पर संडे मार्केट लगने से रोकने के लिए तैनात हो गई थीं। नगर निगम की टीमें भी सामान उठाने वाले ट्रकों के साथ पहुंच गई थीं। लेकिन इस बार बाजार में फड़ी लगाने वाले लोगों ने कोई विरोध नहीं किया और न ही ज्यादा लोग अपना सामान लेकर आए। कुछेक सामान लेकर फड़ी लगने की उम्मीद में आए लेकिन पुलिस और निगम का प्रबंध देखकर वापिस लौट गए।

रैणक बाजार में भीड़, भगदड़ मची तो हो सकता है बड़ा नुकसान

उधर, ज्योति चौक के अंदर संडे बाजार आम दिनों की तरह लगा। संडे बाजार को हटाने का मकसद अवैध कब्जे हटाने के साथ साथ ट्रैफिक व्यवस्था, लॉ एंड आॅर्डर को सुधारना भी था। रैणक बाजार के बाहर लगने वाले संडे बाजार में ट्रैफिक की समस्या ज्यादा थी लेकिन अंदर वाले बाजार में तो लॉ एंड आर्डर भगवान भरोसे है। वहां पर स्नेचिंग, चोरी, छेड़छाड़ के मामले बहुत ज्यादा होते हैं। लोगों की भीड़ तो इतनी होती है कि छोटी सी बात पर मची भगदड़ बड़ी घटना बन सकती है।

कई बार फंस चुकी है दमकल विभाग की गाड़ी

संडे मार्केट की वजह से बाजारों के अंदर होने वाले कब्जों से कई बार दमकल विभाग की टीमें भी फंस चुकी हैं। एक तो तंग बाजार, दूसरा दुकानदारों के कब्जे और तीसरा फड़ी मार्केट लग जाने की वजह से दो पहिया वाहन तो दूर, पैदल निकलने वालों की हालत भी बुरी होती है। ऐसे यदि कोई घटना घट जाए तो पुलिस और दमकल विभाग की गाडिय़ां भी नहीं पहुंच पातीं। कुछ समय पहले संडे वाले दिन बाजार में लगी आग को बुझाने के लिए दमकल विभाग की टीमों को उतना समय नहीं लगा था, जितना घटनास्थल पर पहुंचने में लगा था।

दो बार फेल हो चुकी है संडे मार्केट शिफ्ट करने की योजना

निगम कांप्लेक्स के साथ संडे मार्केट लगाने की योजना पहले दो बार फेल हो चुकी है। नगर निगम ने निगम के कांप्लेक्स के साथ खाली पड़ी जमीन पर संडे मार्केट शिफ्ट करने की प्लानिंग की थी। इसके लिए जमीन से मलबा हटाया गया और सफाई करवाई गई थी। तब लोकसभा चुनाव नजदीक थे और सांसद चौधरी संतोख सिंह के हस्तक्षेप के बाद शिफ्टिंग का प्लान टाल दिया गया था। उसके बाद से अब तक कुछ नहीं हुआ और संडे मार्केट का दायरा बढ़ता गया। सड़कों पर फडिय़ां लगने से वहां लगने वाले जाम के बाद जागे निगम और प्रशासन ने इन्हें हटाने का मन बनाया।

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