सावधान, पुलिस अफसर या वकील बनकर फोन कर रहे हैं ठग
अनजान व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी या वकील बताकर आपकी निजी जानकारी मांगता है तो सतर्क रहें क्योंकि ये ठग भी हो सकते हैं।
मनीष शर्मा, जालंधर : अगर कोई अनजान व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी या वकील बताकर आपकी निजी जानकारी मांगता है तो सतर्क रहें, क्योंकि ये ठग भी हो सकते हैं। ऑनलाइन ठगी का अब यह नया तरीका सामने आया है और पुलिस के साइबर सेल के पास इसकी शिकायतें भी पहुंच रही हैं। ऑनलाइन ठगी का यह सुनियोजित तरीका है, जिसके जरिए पहले जानकारी इकट्ठा की जाती है। फिर उसी जानकारी की बदौलत दूसरा ठग फोन कर आपके खिलाफ शिकायत या अन्य मामले का भरोसा दिलाते हैं और फिर पैसे ऐंठने का खेल शुरू हो जाता है। कुछ मामलों में आपके सोशल मीडिया अकाउंट से भी जानकारी जुटा ली जाती है। जालंधर जोन के साइबर सेल की तरफ से अब इस बारे में लोगों को एडवाइजरी जारी की जा रही है ताकि वो ठगी से बच सकें।
ठगी : फर्जी कोर्ट नोटिस व गिरफ्तारी वारंट
साइबर सेल के मुताबिक ऐसे व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी, वकील अथवा उनके दफ्तर का कोई कर्मचारी बताते हैं। इसके बाद किसी न किसी मामले में जोड़कर फर्जी केस में फंसाने की धमकी देते हैं या फिर उनके पास शिकायत आने या केस दर्ज होने की बात कहते हैं। यहां तक कि डराने के लिए वॉट्सएप के जरिए कोर्ट के नाम पर फर्जी नोटिस या गिरफ्तारी वारंट तक भेज देते हैं। अक्सर लोग इससे डर जाते हैं और फिर ठगी का खेल शुरू हो जाता है। उन्हें कहा जाता है कि अगर इससे बचना है तो फिर कुछ पैसे देकर सेटलमेंट कर लो। ऐसे में लोगों से ठगी हो जाती है।
यह देखिए उदाहरण
पुलिस के पास पहुंची शिकायत में व्यक्ति ने कहा कि उसे एक युवती का फोन आया कि राजस्थान के जयपुर के वकील के दफ्तर से बोल रहे हैं। आपके नाम का नोटिस है और कल कोर्ट में पेश होना है। अगर नहीं आए तो गिरफ्तारी वारंट जारी हो जाएगा और पुलिस पकड़कर लाएगी। उसने कारण पूछा तो बताया गया कि यहां एक निजी बैंक से किसी ने लोन लिया था। बाकी किस्तें तो भर दी गई, लेकिन अब 25 हजार रुपये बकाया है। लोन लेने वाला अब गायब है। बैंक ने शिकायत की तो उसके बाद नोटिस निकला है। बैंक का कहना है कि उस व्यक्ति की गारंटी आपने ली है और आपका आधार कार्ड भी उसमें लगा है। शिकायतकर्ता ने कहा कि वो तो कभी जयपुर गया ही नहीं और न ही किसी की गवाही डाली, लेकिन युवती उसका नाम व पता सही बता रही थी। ऐसे में पहले तो वो थोड़ा डर गया। यह पता चलने पर युवती बार-बार मेरे घबराने की बात कहकर मानसिक दबाव बनाती रही। फिर उसने कहा कि अगर इस चक्कर से बचना है तो सैटलमेंट कर लो। मामला 20 हजार में निपटा देंगे। आपको आने की भी जरूरत नहीं, ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर कर दो। हालांकि वह पुलिस के पास पहुंचा तो पता चला कि यह सब ठगी का तरीका है।
ऐसे बचें ठगी से
पुलिस का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी या वकील बनकर फोन करता है तो तुरंत विश्वास न कर लें, जब तक कि आप उसे जानते न हों। अगर कोई ऐसे केस में फंसाने की धमकी देता है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। वॉट्सएप के जरिए कोर्ट के नाम से फर्जी नोटिस या गिरफ्तारी वारंट भेजता है तो उससे केस की एफआइआर या अन्य दस्तावेज मांगें। इसके बाद संबंधित थाने या विभाग से पुष्टि करें। अपने निजी दस्तावेज या ब्यौरा किसी को न दें। अगर कोई मामला निपटाने की बात कहकर पैसे मांगता है तो व्यक्ति के खाते या किसी अन्य तरीके से पैसे न दें।