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चेक और कार्ड बने मरीजों का सहारा

जागरण संवाददाता, जालंधर : नोटबंदी से सरकारी व निजी अस्पतालों में आ रही परेशानी से राहत मिलने लगी

By Edited By: Published: Wed, 16 Nov 2016 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2016 08:28 PM (IST)
चेक और कार्ड बने मरीजों का सहारा

जागरण संवाददाता, जालंधर : नोटबंदी से सरकारी व निजी अस्पतालों में आ रही परेशानी से राहत मिलने लगी है। निजी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के बाद भुगतान के लिए चेक और कार्ड सहारा बनने लगे हैं। सरकारी अस्पतालों में पुराने नोट लिए जा रहे हैं, परंतु बकाया देने को लेकर छोटे नोटों की समस्या बरकरार है। निजी अस्पतालों में प्लास्टिक मनी व चेक का ग्राफ 25 से 50 फीसद तक बढ़ा है। टैगोर अस्पताल के एमडी डॉ. विजय महाजन का कहना है कि मंगलवार को 80 से 90 फीसद काम पटरी पर लौट आया। चेक और क्रेडिट व डेबिट कार्ड से भुगतान करने वालों में इजाफा हुआ है। चेक और कार्ड से भुगतान करने वालों में 30-30 फीसद के करीब बढ़ौतरी हुई है। इमरजेंसी में कुछ मरीजों से पुराने नोट भी लिए जा रहे हैं। मरीजों को कम पैसे लेकर दाखिल कर इलाज किया जा रहा है और इसके बाद धीरे-धीरे परिजन इंतजाम करते हैं। अब लोग नए नोट लेकर भी आने लगे हैं, जिसकी वजह से समस्या कम होने लगी है।

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पटेल अस्पताल के अधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि आरबीआइ की हिदायतों के अनुसार पैसे का लेनदेन किया जा रहा है। अस्पताल में पेमेंट को लेकर काफी हद कर परेशानी कम हो गई है। अस्पताल में कार्ड से भुगतान करने वालों की दर 50 तथा चेक वालों में 30 फीसद वृद्धि हुई।


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