कपास की फसल पर फिर गुलाबी सुंडी का हमला, मानसा में किसान ने 1.5 एकड़ फसल की नष्ट
भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल टिकैत के महासचिव सरूप सिंह सिद्धू ने कहा कि गुलाबी सुंडी देखे जाने के बाद पंजाब सरकार को अलर्ट किया है। अगर सरकार ने कोई प्रयास न किया तो कपास की फसल को बर्बाद हो सकती हैं।
साहिल गर्ग, बठिंडा: मालवा क्षेत्र के किसान एक बार फिर कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी के हमले से डरे हुए हैं। अभी गुलाबी सुंडी का संक्रमण शुरुआती है, लेकिन आने वाले दिनों में यह बढ़ सकता है। मानसा जिले के गांव भालाईके के किसान राम सिंह ने बताया कि कपास की फसल पर सुंडी का हमला हुआ है।
उसने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन में फसल नष्ट कर दी है। सुंडी का प्रकोप अब उन क्षेत्रों में अधिक दिखाई दे रहा है, जहां पिछले साल फसल नष्ट हुई थी। संगत व तलवंडी ब्लाक के गांव रामा व बहमन जस्सा के खेतों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखा गया है। रामा गांव के किसान बलजीत सिंह के खेत में गुलाबी सुंडी का हमला मिला है। अभी फूलों के बीच सुंडी का झुंड पाया जा रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में यह बढ़ सकता है।
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पंजाब सरकार को अलर्ट, नियंत्रण के लिए उठाए जाए कदम
दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल टिकैत के महासचिव सरूप सिंह सिद्धू ने कहा कि गुलाबी सुंडी देखे जाने के बाद पंजाब सरकार को अलर्ट किया है, लेकिन अभी तक इस पर नियंत्रण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। अगर सरकार ने कोई प्रयास न किया तो कपास की फसल को बर्बाद हो सकती हैं।
डीसी मानसा ने फसल की छटियां जलाने के दिए आदेश
वहीं मानसा के डीसी ने आदेश दिए हैं कि फसल को बचाने के लिए पुरानी छटियों को पांच दिन में आग लगाकर नष्ट कर दिया जाए। कृषि विशेषज्ञ डा. बलजीत सिंह बराड़ ने कहा कि गुलाबी सुंडी छटियों के पुराने अंकुरों में उगती हैं और कपास की नई फसल को बर्बाद कर देती हैैं।
चार लाख के मुकाबले 2.31 लाख हेक्टेयर में ही हुई बिजाई
कृषि विभाग ने प्रदेश में चार लाख हेक्टेयर रकबे में कपास की बिजाई का लक्ष्य रखा था, लेकिन 2.31 लाख हेक्टेयर रकबे में ही बिजाई की गई है। पिछले साल राज्य में 3.03 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बिजाई हुई थी। रकबे में कमी आने का एक बड़ा कारण किसानों में गुलाबी सुंडी के भय को माना जा रहा है।