पड़ोसी राज्यों के सस्ते तेल ने बढ़ाया संकट, बिक्री में 40 फीसद गिरावट के बाद व्यवसाय छोड़ने की सोचने लगे पेट्रोल पंप संचालक
पंजाब के पठानकोट होशियारपुर नवांशहर रोपड़ मोहाली फतेहगढ़ साहिब व पटियाला आदि जिलों के लोग सफर के दौरान पंजाब की सीमा के भीतर तेल भरवाने से गुरेज कर रहे हैं।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ समेत हरियाणा और हिमाचल में पेट्रोल डीजल की सस्ती दरों ने पंजाब के पेट्रोल पंप संचालकों को व्यवसाय ही छोड़ देने को सोचने तक के लिए मजबूर कर दिया है। पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता होने के चलते लोग पंजाब सीमा से सटे हुए पेट्रोल पंपों को तो लगभग भूल ही चुके हैं।
हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि बीते एक वर्ष की अवधि में ही पंजाब के पेट्रोल पंपों की बिक्री में 40 फीसद से भी ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। शनिवार रविवार को तो पंजाब में पेट्रोल पंपों की बिक्री 70 फीसद तक नीचे जा गिरती है। चंडीगढ़ हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश में पंजाब की तुलना में पेट्रोल लगभग 5 रुपये और डीजल लगभग 3 रुपये सस्ता है।
इस वजह से पंजाब के पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर, रोपड़, मोहाली फतेहगढ़ साहिब व पटियाला आदि जिलों के लोग सफर के दौरान पंजाब की सीमा के भीतर तेल भरवाने से गुरेज कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल से आने वाले ट्रक चालकाें का भी है। जो पंजाब सीमा से मात्र क्रॉस करने तक का ही तेल भरवाते हैं और टैंक फुल चंडीगढ़ अथवा हरियाणा में करवाते हैं।
सीमांत क्षेत्र में हालत ज्यादा खराब
यही वजह है कि पंजाब के सीमांत क्षेत्र में स्थित पेट्रोल पंप तो तालाबंदी की हद तक जा पहुंचे हैं। पेट्रोल पंप संचालक यह तर्क भी दे रहे हैं कि पेट्रोल पंप पर कुछ ऐसे फिक्स खर्च भी होते हैं जिनका बिक्री से कोई लेना देना नहीं होता लेकिन पेट्रोल पंप संचालकों को वह खर्च उठाने ही पड़ते हैं। स्टाफ का वेतन, बिजली का बिल, रखरखाव और बैंकों का ब्याज तो पेट्रोल पंप डीलर को ही वहन करना पड़ता है। ऐसे फिक्स खर्चे बिक्री के साथ जुड़े नहीं होते।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने की थी हड़ताल
पंजाब में भी पेट्रोल डीजल की बिक्री पर राज्य सरकार की तरफ से वसूले जाने वाले वैट की दरों को पड़ोसी राज्यों के बराबर करवाने के लिए पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन, पंजाब (पीपीडीएपी) की तरफ से हड़ताल भी की गई थी। बावजूद इसके राज्य सरकार की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। पीपीडीएपी के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि मौजूदा हालातों के मद्देनजर मात्र पेट्रोल पंप डीलर व्यवसाय छोड़ने की नई सोच रहे हैं बल्कि आत्महत्या तक करने को मजबूर हो रहे हैं।
मोहाली के वरिष्ठ पेट्रोल पंप डीलर ने की थी खुदकुशी
मोहाली के एक वरिष्ठ पेट्रोल पंप डीलर की तरफ से मात्र इसी वजह से आत्महत्या की गई, लेकिन सरकार और तेल कंपनियों ने अपनी आंखें मूंद कर ही रखी हुई है। मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि पेट्रोल डीजल पर वैट की ऊंची दरों से मात्र उपभोक्ताओं अथवा पेट्रोल पंप डीलर्स कोई नुकसान नहीं हो रहा है बल्कि राज्य सरकार के खजाने को भी चपत लग रही है। जो तेल हिमाचल चंडीगढ़ अथवा हरियाणा में बिक रहा है। उस बिक्री पर प्राप्त होने वाला वैट भी तो संबंधित राज्य को ही मिल रहा है। राज्य सरकार यह सोच ही नहीं रही है और मजबूरी में पेट्रोल पंप बंद करने ही पड़ जाएंगे।