परमिट वाले लाइन में, गैर परमिट बसें दौड़ रही सड़कों पर
जालंधर : रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) में जहां परमिट धारी वाहन ऑपरेटर रिकॉर्ड अपडेट न होने के कारण अगली तिमाही का रोड टैक्स जमा करने के लिए परेशान हो रहे हैं। वहीं बिना परमिट, बिना टैक्स जमा किए जालंधर बस स्टैंड से हर दिन 63 मिनी बसें दौड़ रही हैं। इनको अधिकतम 15 किलोमीटर तक बस चलाने का परमिट था, जबकि ये बसें 40-50 किलोमीटर तक चल रही हैं। टैक्स के नाम पर हो रहा ये करोड़ों का घोटाला जालंधर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में धड़ल्ले से हो रहा है। आरटीए के सेक्शन ऑफिसर इन्द्रप्रीत ¨सह ने इसकी पुष्टि की कि मिनी बसों के परमिट सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद करने के बाद अब नियमानुसार इनसे टैक्स नहीं वसूल सकते हैं।
सत्येन ओझा, जालंधर : रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) में जहां परमिट धारी वाहन ऑपरेटर रिकॉर्ड अपडेट न होने के कारण अगली तिमाही का रोड टैक्स जमा करने के लिए परेशान हो रहे हैं। वहीं बिना परमिट, बिना टैक्स जमा किए जालंधर बस स्टैंड से हर दिन 63 मिनी बसें दौड़ रही हैं। इनको अधिकतम 15 किलोमीटर तक बस चलाने का परमिट था, जबकि ये बसें 40-50 किलोमीटर तक चल रही हैं। टैक्स के नाम पर हो रहा ये करोड़ों का घोटाला जालंधर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में धड़ल्ले से हो रहा है। आरटीए के सेक्शन ऑफिसर इन्द्रप्रीत ¨सह ने इसकी पुष्टि की कि मिनी बसों के परमिट सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद करने के बाद अब नियमानुसार इनसे टैक्स नहीं वसूल सकते हैं। सॉफ्टवेयर पर रिकॉर्ड नहीं अपडेट, टैक्स जमा कराने में दिक्कत
आरटीए में नया सॉफ्टवेयर वाहन-4 पर 21 मई से काम शुरू हुआ। इस सॉफ्टवेयर के आने के बाद आरटीए में बड़े पैमाने पर चल रही धांधलियों पर ब्रेक लग गया है। नए सॉफ्टवेयर के बाद आरटीए में रजिस्टर्ड वाहनों की आरसी का रिकॉर्ड ऑनलाइन अपडेट न होने के कारण परमिटधारी कॉमर्शियल वाहन ऑपरेटर अगली तिमाही का रोड टैक्स जमा कराने के लिए हर रोज परेशान हो रहे हैं। इस मामले की दैनिक जागरण ने पड़ताल तो आरटीए में बड़ा घोटाला सामने आ गया। न मंजूरी, न टैक्स, फिर भी नहीं थमे पहिए
सुप्रीम कोर्ट ने 2 व 3 अगस्त 2016 को दिए फैसले में नियमों के खिलाफ परमिट लेकर चल रहीं 12,210 बसों के परमिट रद करने के निर्देश दिए थे। अगर किसी को अपनी बात रखनी है तो वह हाईकोर्ट में जा सकता है। हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखते सरकार को जल्द परमिट रद करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया था कि सभी 12,210 बसों के परमिट रद कर दिए हैं। इनमें से लगभग 6800 मिनी बसें थीं। परमिट रद होने के बाद मिनी बसें व नियम के विपरीत परमिट लेकर दौड़ रहीं बसों से सरकार ने टैक्स वसूलना तो बंद कर दिया, लेकिन उनका संचालन आज तक जारी है। मुलाजिमों की लापरवाही से 22 प्रतिशत पैनल्टी का खौफ
परमिटधारी बस ऑपरेटर टैक्स जमा करने के लिए लाइन में लग रहे हैं। आरटीए मुलाजिमों की गलती से अगर वे 31 जुलाई तक टैक्स जमा नहीं कर पाए तो उन पर 22 प्रतिशत तक पैनल्टी लग जाएगी। इसी महीने 7 जुलाई को मिनी बस ऑपरेटर मुख्यमंत्री से मिले थे। तब भी उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि सभी मिनी बसों के परमिट रद हैं। सरकार अब नए सिरे से मिनी बसों को परमिट जारी करेगी। नई नीति में मिनी बसों को 12 किलोमीटर तक के ही परमिट जारी करने का प्रावधान है।
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वर्तमान में मिनी बसों की संख्या 40 तक ही सीमित रह गई हैं, इनमें से भी 20-22 बसों के पास ही परमिट हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। फैसला आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मामला मिनी बसों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बड़ी बसें भी परमिट की लिमिट के बाहर चल रही हैं, उनके परमिट भी रद्द होंगे।
-बलराज ¨सह, अध्यक्ष, मिनी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन, जालंधर ---
कोट बकसा--
ये मामला जानकारी में नहीं है, सचिव आरटीए व¨रदर ¨सह बाजवा का तबादला हो गया है, नए सचिव आरटीए कंवलजीत ¨सह ने अभी चार्ज नहीं लिया है। उनके आने के बाद इस पर विचार करके कदम उठाया जाएगा, अगर ऐसा हो रहा है तो उसे रोका जाएगा।
-एटीओ अमरीक ¨सह