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2003 की त्रासदी बयां की तो 25 मिनट की बैठक में बाढ़ पीड़ितों के लिए इकट्ठे हो गए 30 लाख रुपये

डीसी व¨रदर शर्मा ने शहर के उद्यमी, चिकित्सक व एनजीओ के साथ बैठक में साल 2003 में पटियाला में आई बाढ़ के भयंकर मंजर की आंखों देखी त्रासदी बताई तो देखते ही देखते शहरवासियों ने केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद को दिल खोल दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 10:49 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 10:49 AM (IST)
2003 की त्रासदी बयां की तो 25 मिनट की बैठक में बाढ़ पीड़ितों के लिए इकट्ठे हो गए 30 लाख रुपये
2003 की त्रासदी बयां की तो 25 मिनट की बैठक में बाढ़ पीड़ितों के लिए इकट्ठे हो गए 30 लाख रुपये

जागरण संवाददाता, जालंधर : डीसी व¨रदर शर्मा ने शहर के उद्यमी, चिकित्सक व एनजीओ के साथ बैठक में साल 2003 में पटियाला में आई बाढ़ के भयंकर मंजर की आंखों देखी त्रासदी बताई तो देखते ही देखते शहरवासियों ने केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद को दिल खोल दिया। 25 मिनट की बैठक में 30 लाख रुपये की सहायता मौके पर ही एकत्रित हो गई। मददगारों में समाजसेवी 12वीं की छात्रा सुमेधा भी शामिल थीं। सुमेधा ने 1500 नैपकिन व महिलाओं से संबंधित अंडरगारमेंट्स डीसी को भेंट किए।

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डिप्टी कमिश्नर व¨रदर शर्मा के दिलो दिमाग में कॉलेज में पढ़ने के दौरान बाढ़ के भयंकर मंजर की तस्वीरें आज तक बसी हुई हैं। यही वजह है कि सरकारी घोषणा के बाद न सिर्फ वे बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए फूड पैकेट्स तैयार कराने में जुटे रहे, बल्कि वायुसेना के विशेष विमान में लो¨डग तक मौजूद रहे। संतोष की बात यह रही कि मंगलवार सुबह डीसी को केरल सरकार के माध्यम से संदेश मिला कि जालंधर से भेजी गई राहत सामग्री केरल पहुंच चुकी है। बाढ़ में फंसे हजारों लोगों के लिए सुबह का ब्रेक फास्ट जालंधर से भेजे गए फूड पैकेट से ही किया था। सुमेधा भी मदद में आगे

शहर की मूल निवासी व चंडीगढ़ में 12वीं की छात्रा सुमेधा टंडन ने अपनी पांच साथी छात्राओं के साथ मिलकर त्रिया नामक एक एनजीओ ग्रुप तैयार किया है। ये एनजीओ सेनेटरी नेपकिन तैयार करता है। उन्हें गरीब महिलाओं को वितरित किया जाता है। सुमेधा की मां रिचा भंडारी बेटी के इस काम में प्रेरणा का स्त्रोत बनी हुई हैं। मंगलवार को भी वे बेटी द्वारा पैक किए नेपकिन डीसी तक पहुंचाने के लिए बेटी के साथ पहुंची थीं। इससे पहले सुमेधा की एनजीओ चंडीगढ़ प्रशासन को भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए नेपकिन भेंट कर चुकी है। इन्होंने दी सहायता

-गुरुद्वारा मॉडल टाउन प्रशासनिक समिति के प्रमुख अवतार ¨सह सेठी ने 51000 रुपए नगद, 10,000 कंबल।

-सीबीएसई से जुडे़ स्कूलों की एसोसिएशन ने 1 लाख रुपए नगद, एक दिन का वेतन, जरूरी वस्तुओं के दो ट्रक

-सावी इंटरनेशनल के डायरेक्टर मुकल वर्मा ने 1 लाख रुपए, प्रमुख उद्योगपति अश्वनी विक्टर और गुरशरन ¨सह ने 1 लाख रुपए एवं 25000 चप्पलें।

-ट्रांसपोर्टर पप्पू खोसला ने 51000 रुपए नगद के साथ ही मुफ्त ढुलाई।

-इनोसेंट हार्ट ग्रुप के प्रतिनिधि डॉ.अनूप बौहरी ने 1 लाख रुपए, सैंट सोल्जर ग्रुप के अनिल चोपडा ने एक लाख रुपए, ला ब्लॉसम स्कूल के संजीव मूरिया ने 51000, मेयर व‌र्ल्ड स्कूल के राजेश मेयर ने 1 लाख देने की घोषणा की है।

-कलसी इंजीनिय¨रग ग्रुप के राजिन्दर कलसी ने 51000 रुपये, पीकेएफ ने 51000 रुपये, अलास्का इंटरनेशनल ग्रुप ने 1 लाख, त्रिया ने सेनेटरी पैड के 4 बॉक्स व अन्य जरूरी वस्तुएं दी हैं। फारमास्यूटीकल के प्रतिनिधि ने 11000 रुपये और 60000 दवाइयां, एसीओएस संस्था के सकूत नैयर ने 1 लाख रुपये, हरभजन चॅपल्स ने 2000 चपलें देने की घोषणा की है। इस मौके पर एडीसी जतिन्दर जोरवाल, जसबीर ¨सह, एसडीएम परमवीर ¨सह, वरिन्दरपाल ¨सह बाजवा, नवनीत कौर बल, संजीव शर्मा, कार्यकारी मजिस्ट्रेट डॉ.जयइन्द्र ¨सह, सहायक मुख्य प्रशासक जेडीए दरबारा ¨सह, सहायक कमिश्नर शायरी मल्होत्रा भी उपस्थित थे।

इन सामानों की है मांग

केरल सरकार ने लोगों की जरूरत को देखते हुए सामान की सूची भेजी है, जिसमें दो लाख कंबल अथवा चादरें, एक लाख नाइट वियर गाउन, 10,000 बच्चों के डायपर्स, एक लाख सेनेटरी नेपकिन, एक लाख चटाई, दो लाख तौलिए, दो लाख टॉर्च, दो लाख चप्पल। केरल सरकार ने कहा है कि फिलहाल खाने के पैकेट्स के अलावा इस सामानों की ज्यादा जरूरत है।


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