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संकरी सर्विस लेन के गुजर रहे वाहन, करोड़ों रुपये खर्च फ‍िर भी नहीं मिली बेहतर सुविधा Jalandhar News

हालात यह हो गए हैं कि यहां पर वाहन रेंगते नजर आते हैं और अक्सर यहां जाम के हालात बन जाते हैं। इस विषय एनएचएआइ के अधिकारियों का तर्क भी हैरान करने वाला है।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 03:42 PM (IST)
संकरी सर्विस लेन के गुजर रहे वाहन, करोड़ों रुपये खर्च फ‍िर भी नहीं मिली बेहतर सुविधा Jalandhar News
संकरी सर्विस लेन के गुजर रहे वाहन, करोड़ों रुपये खर्च फ‍िर भी नहीं मिली बेहतर सुविधा Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। पानीपत से जालंधर तक सिक्स लेन बना रही एनएचएआइ के अधिकारी किस तरह काम करते हैं, इस पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। ताजा मामला रामामंडी से पीएपी चौक तक बनाई गई सर्विस लेन को लेकर है। करीब एक किलोमीटर की इस सर्विस लेन को एनएचएआइ ने पहले यह तर्क देकर नहीं बनाया कि सड़क के लिए जगह कम है। इसके लिए 2015 में सेना से 98 करोड़ में करीब 10.63 एकड़ जमीन लेने के लिए सौदा किया गया।

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यही नहीं शर्तों के मुताबिक उक्त राशि देने के अलावा सेना को नई दीवार, टैंक रखने के लिए रैंप और अन्य शैड जो जमीन अधिग्र्रहण करने के लिए गिराए गए थे, उसे भी बनाकर दिया गया। इस काम में ही चार साल लग गए। अब जब सड़क बनाने के लिए सभी बाधाएं दूर कर दी गई हैं तो एनएचएआइ के अधिकारियों ने उस जमीन पर सड़क बनाने की बजाय केवल आठ मीटर चौड़ी सड़क बनाकर वहां से लुधियाना और होशियारपुर से आने वाले वाहनों को शहर में एंट्री के लिए मजबूर कर दिया है।

हालात यह हो गए हैं कि यहां पर वाहन रेंगते नजर आते हैं और अक्सर यहां जाम के हालात बन जाते हैं। इस विषय एनएचएआइ के अधिकारियों का तर्क भी हैरान करने वाला है। उनके अनुसार सिक्स लेन प्रोजेक्ट के तहत केवल आठ मीटर चौड़ी सर्विस लेन ही बनाई जा सकती है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि जब सड़क बनाने के लिए एनएचएआइ को सेना की जमीन की जरूरत ही नहीं थी तो उसने 98 करोड़ रुपये क्यों खर्च किए। यही नहीं जब इतनी बड़ी रकम एनएचएआइ फिजूल में खर्च सकती है तो वह मात्र डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर उक्त जमीन पर सड़क क्यों नहीं बना सकती जिससे लोगों को परेशानी से मुक्ति मिल सके।

प्रोजेक्ट पर एक नजर

  • 2009 में पानीपत-जालंधर सिक्स लेन प्रोजेक्ट शुरू हुआ।
  • 2011 में बनकर तैयार होना था सिक्स लेन प्रोजेक्ट।
  • 2015 में एनएचएआइ ने सेना से 98 करोड़ में जमीन अधिग्र्रहण की डील हुई।
  • 10.63 एकड़ जमीन एनएचएआइ ने सेना से अधिग्र्रहण की गई।
  • 2019 तक करीब दो किलोमीटर के इस सड़क की सभी बाधाएं दूर कीं।
  • 2019 के अंत में सेना से अधिग्र्रहण की गई जमीन पर सड़क नहीं बनाई।
  • 08 मीटर की सर्विस लेन बनाकर इतनी ही जमीन को बिना सड़क के छोड़ दिया।

कंपनी का तर्क

रामा मंडी और पीएपी के मध्य प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही निजी कंपनी के अधिकारियों का तर्क है कि जैसा डिजाइन उन्हें एनएचएआइ की तरफ से मुहैया करवाया गया है, उसी के मुताबिक निर्माण करवा दिया गया है। हालांकि संपर्क करने इस संबंध में एनएचएआई, अंबाला के अधिकारियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है।

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