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कालाबाजारी जारी, व्यवस्था भी ठगी की मारी

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लाखों लोग घरों में बैठ सरकार को सहयोग दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 01:15 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 06:07 AM (IST)
कालाबाजारी जारी, व्यवस्था भी ठगी की मारी
कालाबाजारी जारी, व्यवस्था भी ठगी की मारी

मनीष शर्मा, जालंधर

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कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लाखों लोग घरों में बैठ सरकार को सहयोग दे रहे हैं। इसके बावजूद फल-सब्जियों की कालाबाजारी पर प्रशासन रोक नहीं लगा पा रहा है। खानापूर्ति के लिए प्रशासन रोजाना सुबह फल-सब्जियों के रेट तय कर देता है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह लागू नहीं होते। हैरानी की बात यह है कि सब्जी के रेट वेबसाइट पर जारी करने में जिस कदर प्रशासन ऑनलाइन तेजी दिखाता है, सब्जी-फल विक्रेता उतने ही इससे अनजान हैं। प्रशासन ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, लेकिन उनका कहना है कि पुलिस को मौके पर बुलाएं। जाहिर है कि प्रशासन ने अपने स्तर पर कोई ऐसा इंतजाम नहीं किया कि मंडी से निकलने के बाद फल-सब्जियों की कीमत पर कोई नियंत्रण हो सके। मंडी बोर्ड के जिन अफसरों को यह जिम्मेदारी सौंपी है, वह सब्जी मंडी से ही बाहर नहीं निकल पा रहे। घरों में बैठे लोगों की मजबूरी है कि जिस दाम पर रेहड़ी वाला सब्जी बेच रहा है, उसी पर खरीद रहे हैं। क्योंकि वह दोबारा आएगा या नहीं, इसका भी उन्हें भरोसा नहीं है।

बिना वेरीफिकेशन बांटे पास

प्रशासन ने करीब एक हजार रेहड़ी वालों को फल-सब्जी बेचने के पास दिए हैं। इनमें सब सब्जी बेचने वाले नहीं, बल्कि रोजमर्रा में रिक्शा या सड़क के किनारे रेहड़ी-फड़ी लगाने और मजदूरी करने वाले हैं। प्रशासन को शुरू में घर-घर सब्जी मुहैया कराने की चुनौती थी, इसलिए थोक में पास बांट दिए। जिन लोगों ने पहले यह काम नहीं किया, वह प्रशासन से मिले क‌र्फ्यू पास की मेहरबानी से मनमर्जी के रेट पर फल-सब्जी बेचकर लूट मचा रहे हैं। इनके बारे में न कोई रिकॉर्ड है और न ही गली-मोहल्लों में इन्हें कोई जानता है, इसलिए मुंह पर कपड़ा बांधकर यह लोग प्रशासन की रेट लिस्ट की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

कौन सी रेट लिस्ट, कमाई भी तो करनी है

फल-सब्जी बेचने वाले अलग-अलग रेट वसूल रहे हैं। प्रशासन ने शुक्रवार को प्याज के रेट प्रति किलो 40 रुपये तय किए थे, लेकिन मोता सिंह नगर में यह रेट 60 रुपये किलो था जबकि लाडोवाली रोड पर 50 रुपये किलो बेचे जा रहे हैं। टमाटर का रेट 30 रुपये किलो है, लेकिन बस्ती एरिया में 60 रुपये किलो पर बेचा गया। इसी तरह अदरक 100 की जगह 120 रुपये किलो में बिका। सब्जी बेचने वालों का कहना है कि उन्हें रेट लिस्ट के बारे में नहीं पता है। कमाई के हिसाब से सब्जी बेच रहे हैं। क्योंकि लेबर व पल्लेदार का खर्चा व पर्ची के पैसे देने पड़ते हैं।

हेल्पलाइन से जवाब, मौके पर पुलिस बुलाओ

इस बारे में जब प्रशासन की तरफ से दिए डीसी कंट्रोल रूम के नंबर 0181-2224417 पर फोन किया तो उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत पर कुछ नहीं कर सकते। हेल्पलाइन ने आगे पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर 95929-18502 दिया। उनका कहना था कि कार्रवाई करवानी है तो पुलिस को मौके पर बुलाओ।

मंडी अधिकारी का जवाब, शिकायत करो

इस बारे में जब जिला मंडी अधिकारी दविदर वीर से पूछा तो उन्होंने कहा कि रोजाना सब्जियों व फल के दाम निर्धारित करने के साथ-साथ अधिक वसूली करने वालों की शिकायत करने के लिए नंबर जारी किए हैं। अगर कोई भी सब्जी विक्रेता निर्धारित दाम से अधिक की मांग करता है तो इसकी शिकायत की जाए। उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

डीएफएससी बोले, लोग जागरूक हों

इस बारे में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी नरेंद्र सिंह ने कहा, अगर कहीं भी खाद्य पदार्थो की कालाबाजारी हो रही है तो उसे लेकर लोगों में जागरूकता जरूरी है। जिला प्रशासन द्वारा बाकायदा हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिस पर शिकायत की जाए, इसका तुरंत संज्ञान लिया जाएगा।

यहां करें शिकायत

कालाबाजारी की शिकायत डीसी कंट्रोल रूम को 0181-2224417 पर कर सकते हैं। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 0181-2672886 व 0181-2224446 पर भी की जा सकती है।


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