पंजीकृत फाइनेंस कंपनियों ने आरबीआई से की छूट की मांग
पंजाब एंड हरियाणा फाइनेंस कंपनी एसोसिएशन (पीएचएफसीए) की 56वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में पंजीकृत फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों के बराबर प्रिवलेज देने की मांग की गई।
जागरण संवाददाता, जालंधर : पंजाब एंड हरियाणा फाइनेंस कंपनी एसोसिएशन (पीएचएफसीए) की 56वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में पंजीकृत फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों के बराबर प्रिवलेज देने की मांग की गई। आरबीआई ने फाइनेंस कंपनीज के लिए 180 दिन की जगह 90 दिनों के एनपीए का प्रावधान कर दिया है, लेकिन बैंकों को मिलने वाली सुविधाएं कंपनियों को नहीं दी हैं। बैंकों के पास एनपीए मामलों से डील करने के लिए सरफेसी एक्ट की सुविधा है और एनपीए मामलों में इंकम टैक्स से राहत भी मिलती हैं, लेकिन फाइनेंस कंपनियों को ये सुविधाएं प्राप्त नहीं हैं। होटल रैडिसन में आयोजित की गई एजीएम में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की आरबीआई से पंजीकृत श्रेणी 'ए' और 'बी' वित्त कंपनियों ने भाग लिया गया।
महासचिव आलोक सोंधी और सदस्यों ने आरबीआई से डिपोजिट की स्वीकृति के लिए अनिवार्य क्रेडिट रे¨टग और फाइनेंस कंपनीज के लिए 180 दिन की जगह 90 दिनों के एनपीए बारे पुनर्विचार और रियायत के लिए अपील की है। सचिव अजीतपाल ¨सह गिल ने कार्यवाही का आयोजन किया, उप प्रधान एसडी चुघ ने मार्किट समीक्षा सत्र आयोजित किया और कोषाध्यक्ष विनोद हस्तीर ने वार्षिक बैलेंस शीट के बारे में जानकारी दी। गवर्निंग काउंसिल सदस्यों में विवेक सोंधी, अमरदीप ¨सह समरा, सी.ए. आशीम सोंधी, तरलोक ¨सह मंड, कैप्टन लख¨वदर ¨सह गिल और रा¨जदर ¨सह मौजूद थे। अन्य प्रमुख मेंबर में संतोख ¨सह बराड़, विवेक गर्ग, चंदन चुघ और गुरइकबाल ¨सह बेनीपाल मौजूद थे। उमेश ढींगरा, कंपनी सचिव दिनेश गुप्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट पुनीत ओबरॉय ने कानूनी, वैधानिक और जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर सदस्यों को संबोधित किया। पीकेएफ के सीए राजेश गुप्ता ने आरबीआई और अन्य सवैंधानिक निकायों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर इनपुट दिया।