पंजाब में आप विधायक बलबीर सिंह, पत्नी और बेटे को तीन वर्ष की कैद, झगड़े के मामले में अदालत का फैसला
आम आदमी पार्टी विधायक बलबीर सिंह को लेकर बड़ी खबर आई है। उन्हे झगड़े के मामले में रुपनगर की एक अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई है। अदालत की ओर से उन पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर। जिले के थाना चमकौर साहिब के गांव टप्परियां दयाल सिंह में जमीन में सिंचाई के लिए पानी लगाने की बारी को लेकर हुए झगड़े में रूपनगर की अदालत ने पटियाला देहात के विधायक डा. बलबीर सिंह, उनकी पत्नी और बेटे समेत समेत चार दोषियों को तीन साल की सजा सुनाई है। दोषियों को 16-16 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। अतिरिक्त चीफ जुडीशियल मैजिस्ट्रेट रविइंद्र सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया है।
मामले में शिकायतकर्ता पक्ष में विधायक की साली रूपिंदरजीत कौर और उसके पति सेवानिवृत्त पति विंग कमांडर मेवा सिंह को इसी मामले में दर्ज क्रास केस में अदालत ने बरी कर दिया है। श्री चमकौर साहिब में डा.बलबीर सिंह समेत उसकी पत्नी सुरिंदर कौर सैनी, बेटे राहुल और एक अन्य परमिंदर सिंह के खिलाफ लड़ाई झगड़े के आरोप में आइपीसी की धारा 323, 324, 506, 148, 149 के तहत 13 जून 2011 को मामला दर्ज हुआ था।
शिकायतकर्ता रूपिंदरजीत कौर और सेवानिवृत्त विंग कमांडर मेवा सिंह की शिकायत के मुताबिक उनके ससुर अनूप सिंह ने अपनी गांव टप्परियां दयाल सिंह में खेती योग्य 109 बीघे जमीन खुद और अपनी पत्नी समेत परिवार में पांच लोगों को बांट दी थी। आरोपित डा. बलबीर सिंह की पत्नी सुरिंदर कौर सैनी के हिस्से आई जमीन में पानी लगाने को लेकर झगड़ा हुआ। शिकायतकर्ता पक्ष के मुताबिक सोमवार, मंगलवार और बुधवार को जमीन को पानी लगाने की बारी उनकी थी लेकिन आरोपित पक्ष ने जबरदस्ती अपनी जमीन को पानी लगाया और उन पर हमला कर दिया। इस मामले में पुलिस ने शिकायतकर्ता पक्ष पर भी क्रास केस दर्ज किया था, जिसमें सोमवार को ही शिकायतकर्ता पक्ष बरी कर दिया गया।
उच्च अदालत में जाएंगे, हमारे पर दर्ज केस झूठा: डा.बलबीर सिंह
दूसरी तरफ, सजा सुनाए जाने के बाद विधायक डा.बलबीर सिंह ने कहा कि जिस केस में उन्हें सजा सुनाई गई है, वो उनके खिलाफ झूठा दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता पक्ष के रिश्तेदार पुलिस विभाग में हैं। उन्होंने कहा कि उस जमीन का हिस्सा हमारे कब्जे में हैं, शिकायतकर्ता पक्ष वहां आए थे। न ही हम उनके कब्जे वाली जमीन में गए थे। अब अदालत ने जो सजा सुनाई है, उसमें जमानत दी गई है और उच्च कोर्ट में जाने के लिए समय दिया गया है। हम उच्च अदालत में जाएंगे और इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ेंगे।