दुबई में काम करता है पति, दूसरे युवक के प्यार में अंधी पत्नी ने बस स्टैंड पर छोड़ा था बच्चा; गिरफ्तार
थाना छह की पुलिस ने पांच दिन पहले बस स्टैंड पर एक साल के बच्चे को छोड़कर भागी आरोपित मां को गिरफ्तार कर लिया है।
By Edited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 08:07 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 01:27 PM (IST)
जागरण संवाददाता, जालंधर। थाना छह की पुलिस ने पांच दिन पहले बस स्टैंड पर एक साल के बच्चे को छोड़कर भागी आरोपित मां को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान संदीप कौर (26) निवासी अबादगढ़, थाना नंगलभूर, जिला पठानकोट के रूप में हुई है। महिला की चार साल पहले गांव के ही रहने वाले अरुणदीप सिंह से शादी हुई थी, जो फिलहाल दुबई में काम करता है। महिला के मुताबिक पति के दूर होने के कारण उसका फिरोजपुर निवासी 29 वर्षीय शादीशुदा युवक से अफेयर चल रहा था। पुछताछ में महिला ने बताया कि वह दुबइ रहते पति के छोड़कर प्रेमी के साथ घर बसाना चाहती थी। प्रेमी बच्चे को अपनाने को तैयार नहीं था। इसलिए वह अपने एक साल के बच्चे को बस स्टैंड (जालंधर) पर छोड़कर चली गई थी।
थाना छह के एसएचओ इंस्पेक्टर बेअंत जुनेजा ने बताया कि आरोपित महिला के जालंधर बस स्टैंड में होने के इनपुट मिले थे। इसके बाद उनकी टीम ने बस स्टैंड के गेट नंबर तीन के पास से उसे काबू कर लिया। महिला के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार करके देर शाम उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। मां-बाप के होते हुए भी अनाथ की तरह बच्चे को रहना पड़ रहा चिल्ड्रन होम बस स्टैंड से मिले बच्चे का पिता पिछले कई साल से दुबई में रहते हुए काम कर रहा है। आखिरी बार वह एक साल पहले गांव आया था। बच्चा अपनी दादी जसवंत कौर और मां संदीप कौर के साथ बच्चा रहता था। लेकिन इस घटना के बाद बच्चे के माता-पिता के ¨जदा होने के बावजूद उसे एक अनाथ बच्चे की तरह चिल्ड्रन होम में रहना पड़ रहा है।
कानून अनुसार मौजूदा स्थिति में बच्चे को उसकी आरोपित मां को नहीं सौंपा जा सकता। जबकि बच्चे की दादी भी उसे तब तक नहीं लेकर जा सकती जब तक बच्चे का पिता न आ जाए। अब दुबई से बच्चे के पिता अरुणदीप के लौटने के बाद ही वह अपने घर लौट पाएगा।
प्रेमी के लिए मासूम को छोड़ा, पुलिस कार्रवाई हुई तो प्रेमी भी नहीं मिला
संदीप कौर के मुताबिक फिरोजपुर रहते उसके शादीशुदा प्रेमी ने उसे कहा था कि वह बच्चे को किसी पब्लिक प्लेस में छोड़ दे। उसके बाद वह पत्नी को तलाक देकर उससे शादी कर लेगा। महिला ने बताया कि पांच अप्रैल को बच्चा छोड़ते समय उसके साथ उसका प्रेमी भी था। लेकिन मामले में पुलिस कार्रवाई होने पर प्रेमी भी उसका साथ छोड़ गया। पति और सास को सिखाना चाहती थी सबक पुलिस पूछताछ में महिला ने कहा कि पति उससे फोन पर सही से बात नहीं करता था। वह गांव भी नहीं लौटना चाहता था। इस बारे में जब भी सास से बात करती तो सास ने उसे ही गलत ठहराया। चार साल शादी होने और एक बच्चे को जन्म देने के बाद भी सास व पति उसे इज्जत नहीं देते थे। उसे एक कामवाली की तरह रखा गया था। उसने खुद को अकेला पाकर एक दूसरे युवक से दोस्ती कर ली। वह पति और सास को सबक सिखाना चाहती थी कि बच्चे को संभालना उसकी ही जिम्मेदारी नहीं, बल्कि बच्चे के पिता की भी है।
थाना छह के एसएचओ इंस्पेक्टर बेअंत जुनेजा ने बताया कि आरोपित महिला के जालंधर बस स्टैंड में होने के इनपुट मिले थे। इसके बाद उनकी टीम ने बस स्टैंड के गेट नंबर तीन के पास से उसे काबू कर लिया। महिला के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार करके देर शाम उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। मां-बाप के होते हुए भी अनाथ की तरह बच्चे को रहना पड़ रहा चिल्ड्रन होम बस स्टैंड से मिले बच्चे का पिता पिछले कई साल से दुबई में रहते हुए काम कर रहा है। आखिरी बार वह एक साल पहले गांव आया था। बच्चा अपनी दादी जसवंत कौर और मां संदीप कौर के साथ बच्चा रहता था। लेकिन इस घटना के बाद बच्चे के माता-पिता के ¨जदा होने के बावजूद उसे एक अनाथ बच्चे की तरह चिल्ड्रन होम में रहना पड़ रहा है।
कानून अनुसार मौजूदा स्थिति में बच्चे को उसकी आरोपित मां को नहीं सौंपा जा सकता। जबकि बच्चे की दादी भी उसे तब तक नहीं लेकर जा सकती जब तक बच्चे का पिता न आ जाए। अब दुबई से बच्चे के पिता अरुणदीप के लौटने के बाद ही वह अपने घर लौट पाएगा।
प्रेमी के लिए मासूम को छोड़ा, पुलिस कार्रवाई हुई तो प्रेमी भी नहीं मिला
संदीप कौर के मुताबिक फिरोजपुर रहते उसके शादीशुदा प्रेमी ने उसे कहा था कि वह बच्चे को किसी पब्लिक प्लेस में छोड़ दे। उसके बाद वह पत्नी को तलाक देकर उससे शादी कर लेगा। महिला ने बताया कि पांच अप्रैल को बच्चा छोड़ते समय उसके साथ उसका प्रेमी भी था। लेकिन मामले में पुलिस कार्रवाई होने पर प्रेमी भी उसका साथ छोड़ गया। पति और सास को सिखाना चाहती थी सबक पुलिस पूछताछ में महिला ने कहा कि पति उससे फोन पर सही से बात नहीं करता था। वह गांव भी नहीं लौटना चाहता था। इस बारे में जब भी सास से बात करती तो सास ने उसे ही गलत ठहराया। चार साल शादी होने और एक बच्चे को जन्म देने के बाद भी सास व पति उसे इज्जत नहीं देते थे। उसे एक कामवाली की तरह रखा गया था। उसने खुद को अकेला पाकर एक दूसरे युवक से दोस्ती कर ली। वह पति और सास को सबक सिखाना चाहती थी कि बच्चे को संभालना उसकी ही जिम्मेदारी नहीं, बल्कि बच्चे के पिता की भी है।
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