जोश और जुनून, निहंग सिंह जत्थेबंदियों ने बंदी छोड़ दिवस पर दिखाया जौहर
जोश और जुनून... बंदी छोड़ दिवस पर निहंग सिंह पूरे जोश और जुनून में दिखे। इसमें बड़ी संख्या में निहंग सिंह घोड़ों पर सवार होकर शामिल हुए। निहंग सिंहों ने करतब दिखाकर संगत को गुरु और पंथ के साथ जोड़ने में भूमिका निभाई।
जेएनएन, अमृतसर। छठे पातशाह श्री गुरु हरिगोबिंद साहिब के बंदी छोड़ दिवस दीपावली को समर्पित निहंग सिंह जत्थेबंदियों की ओर से मोहल्ला निकाला गया। यह मोहल्ला शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह अकाली 96 करोड़ी के नेतृत्व में गुरुद्वारा बाबा फूला सिंह अकाली से नगाड़ों की गूंज में शुरू हुआ। मोहल्ला शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से भारी बारिश के दौरान भी होते हुए रेलवे कालोनी बी ब्लाक ग्रांउड में पहुंचा।
हर वर्ष निहंग जत्थेबंदियों की ओर से परंपरा के अनुसार यह मोहल्ल बंदी छोड़ दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में निहंग सिंह घोड़ों पर सवार होकर शामिल हुए। निहंग सिंहों की ओर से अलग-अलग करतब भी दिखाकर संगत को गुरु और पंथ के साथ जोड़ने में भूमिका निभाई।
श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग के बाद बुड्ढा दल के मुख्य ग्रंथी बाबा मघर सिंह ने गुरबाणी कीर्तन किया। बाबा इंद्र सिंह ने बुड्ढा दल के इतिहास को संगत के साथ सांझा किया। इस मुहल्ले में शामिल हुए निहंग सिंहोंं और जत्थेबंदियों का बाबा बलबीर सिंह की ओर से धन्यावाद किया गया। अलग-अलग निंहग जत्थेबंदियों के निशानचियों, चौबदारों ग्रंथियों, कथावाचकों और मुख्य जत्थेदारों को सम्मानित किया गया।
बाबा बलबीर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि सिख इतिहास पूर्ण व शानमयी है। हर सिख को कौम की बेहतरी के लिए अपना योगदान देते रहना चाहिए। मुहल्ले में शामिल निहंगों की ओर से अपने अलग-अलग परंपरागत हथियार भी उठाए हुए थे। मुहल्ल पूरी तरह जंगी महौल प्रदर्शित कर रहा था। बड़ी संख्या में निहंग पैदल भी इस में शामिल हुए। रेलवे ग्रांउड में निंहग सिंहों की ओर से घुड़दौड़ का आयोजन किया।
निहंग इस मुहल्ले में नगारे, नरसिंघे, बाजे , ढोल आदि बजाते हुए शामिल हुए। इससे पहले आयोजित कार्यक्रम में जत्थेदार जोगिंदर सिंह वेदांती, बाबा जगतार सिंह, बाबा निहाल सिंह, बाबा नोरंग सिंह, बाबा रघुबीर सिंह, बाबा वस्सन सिंह, बाबा गुरपिंदर सिंह, महासचिव दलजीत सिंह बेदी, बाबा त्रिलोक सिंह , बाबा जगतार सिंह, बाबा कुलविंदर सिंह, बाबा सरवण सिंह मंझैल, बाबा सुखविंदर सिंह, बाबा विश्वप्रताप सिंह, बाबा बलदेव सिंह, बाबा कर्म सिंह, बाबा बघेल सिंह, बाबा प्यारा सिंह, बाबा सुखजीत सिह, बाबा मेजर सिंह, बाबा हरप्रीत सिंह व बाबा भगत सिंह आदि भी अपने साथियों समेत शामिल हुए।