करोड़ों के साइकिल स्टैंड में पार्किग व्यवस्था पंक्चर
एशिया की नामी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी में साइकिल स्टैंड के ठेके को लेकर पंजाब मंडी बोर्ड ने टेंडर खोले हैं।
शाम सहगल, जालंधर
एशिया की नामी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी में साइकिल स्टैंड के ठेके को लेकर पंजाब मंडी बोर्ड ने टेंडर खोले हैं। इस टेंडर को करोड़ों रुपये में लेने को लेकर भी ठेकेदारों में होड़ रहती है। ऐसा हो भी क्यों न, मंडी में रोजाना साइकिल पार्किग के नाम पर हजारों रुपये की कमाई होती है। हालांकि मंडी में कहीं साइकिल पार्किग करने की अलग से जगह नहीं है। रेहड़ी वालों को पर्ची कटाने के बाद भी साइकिल पार्क करने में परेशानी आती है।
मकसूदां सब्जी मंडी में साइकिल स्टैंड की बोली को लेकर हर बार घमासान हुआ करती है। इसके चलते पंजाब मंडी बोर्ड ने इस बार ई-टेंडर के मार्फत ठेका देने का नियम लागू किया है। हैरानीजनक बात यह है कि इसके बाद भी वर्ष दर वर्ष साइकिल स्टैंड के ठेके में इजाफा हो रहा है। बीते वर्ष यह ठेका 2.59 करोड़ में लुधियाना की एक फर्म ने अपने नाम किया था, जिसे पूरा करने के लिए ठेकेदार द्वारा कई हथकंडे अपनाए गए। इस पर टैक्स व अन्य खर्च लगाने के बाद यह तीन करोड़ के करीब पड़ता है। इसका आढ़तियों ने जमकर विरोध भी किया था। उधर, मंडी में कहीं भी पार्किग को लेकर अलग से जगह नहीं बनाई गई है। न ही ठेकेदार ने कभी मंडी में किसी अलग जगह पर वाहन पार्क करवाने को लेकर कोई व्यवस्था की है। इसके चलते मंडी में दिन भर ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। यही कारण है कि मंडी में साइकिल स्टैंड का ठेका शुरू से ही विवादों में रहा है।
हालांकि, विभाग के अधिकारी बताते हैं कि डीएवी कॉलेज रोड से मंडी में प्रवेश करते ही दाइनें तरफ जगह पर पार्किग की जा सकती है। जबकि, ठेकेदार के करीदें गेट पर केवल पर्ची काटने में ही व्यस्त रहते हैं। इसके चलते पर्ची कटवाने के बाद लोग वाहन मंडी में जहां मन करता है, वहां पर पार्क कर देते हैं। इसका कई बार विरोध भी किया जा चुका है। रेहड़ियों से भी की जाती है वसूली
करोड़ों रुपये का ठेका लेने वाले ठेकेदार मंडी में लगने वाली रेहड़ियों से भी वसूली करते हैं। दिन में एक बार रेहड़ियों की पर्ची काटने के बाद दिन भर मंडी में कारोबार करने का अधिकार उन्हें दे दिया जाता है। इस कारण दिन भर मंडी में ट्रैफिक जाम रहता है।
पंजाब मंडी बोर्ड ने साइकिल स्टैंड सहित अन्य कांट्रैक्ट के लिए आवेदन मांगे हैं। तमाम प्रक्रिया ई-टेंड¨रग के माध्यम से ही होगी। विभाग के नियमों के मुताबिक ही कांट्रैक्टर को काम करना होता है।
व¨रदर खेड़ा, जिला मंडी अधिकारी। फोटो : 180
मंडी में अक्सर ठेकेदार ठेका लेने के बाद मनमानी पर उतर आते हैं। गरीब रेहड़ी संचालकों से मनमानी वसूली की जाती है, वहीं इस कारण दिन भर मंडी में ट्रैफिक जाम रहता है। इस बार ठेका देने से पूर्व तमाम शर्तो के शपथ पत्र पर करार किया जाना चाहिए।
रवि शंकर गुप्ता, उप-चेयरमैन, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवासी सेल।