डॉग्स रखने के लिए लेनी होगी परमिशन, किसी को काटा तो 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रस्ताव Jalandhar News
यहीं नहीं पिटबुल पकिस्तानी बुल्ली रॉटविलर जैसे खतरनाक किस्म के डॉग्स रखने वालों को निगम को यह शपथपत्र देना होगा कि यह कुत्ते किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
जालंधर, जेएनएन। शहर में कुत्तों के हमलों की घटनाएं बढऩे के बाद बुलाई गई ओपन मीटिंग में सुझाव आया है कि बिना मंजूरी डॉग्स रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यहीं नहीं पिटबुल, पकिस्तानी बुल्ली, रॉटविलर जैसे खतरनाक किस्म के डॉग्स रखने वालों को निगम को यह शपथपत्र देना होगा कि यह कुत्ते किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाने के साथ ही कुत्ते को बचाव से संबंधित सभी टीके लगे होने की रिपोर्ट भी देनी होगी।
मेयर जगदीश राजा के ऑफिस में कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा, ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह की डाक्टरों, डॉग लवर्स और एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग में यह सुझाव भी रखा गया है कि अगर कोई पालतू कुत्ता किसी को काटता है तो कुत्ता पालने वाले पर कम से कम 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाए। एक्सपर्ट ने यह सुझाव दिया कि पिटबुल, रोटविलर, पाकिस्तानी बुल्ली, जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों को परमिशन देने से पहले यह जांच जरूरी होगी कि जिस माहौल में यह जानवर रहने के आदी हैं क्या उनको मालिक के घर पर उस तरह का माहौल मिल पाएगा।
मीटिंग में शामिल लोगों के सुझाव के आधार पर यह भी तय किया जा सकता है कि पिटबुल जैसे खतरनाक कुत्तों की अलग कैटेगिरी बनाई जाए ताकि इन्हें रखना सबके लिए आसान न हो। कमिश्नर ने कहा कि एनिमल बर्थ कंट्रोल कांट्रेक्टर को पेमेंट भी जल्द दी जाएगी, ताकि काम में रुकावट पैदा न हो। मेयर और कमिश्नर ने कहा कि पहली मीटिंग में काफी कुछ तय हुआ है, लेकिन अभी एक बार मीटिंग करेंगे ताकि नए सुझावों के साथ फाइनल पॉलिसी बना सकें। मीटिंग में पार्षद जगदीश दकोहा, हेल्थ अफसर डॉ. श्रीकृष्ण, कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह, हरजिंदर सिंह लाडा मौजूद रहे।
डॉग कंपाउंड बनाने पर सहमति नहीं
मेयर जगदीश राजा ने मीटिंग शुरू होते ही सबसे पहले एनजीओ और डाक्टरों से सवाल किया कि क्या शहर में खूंखार हो रहे कुत्तों को रखने के लिए डॉग कंपाउंड बनाया जा सकता है। हालांकि ज्यादातर लोगों ने इस पर सहमति नहीं दी। एनजीओ मेंबर आरती, मयंक बाली, परमप्रीत सिंह विट्टी, हरप्रीत कौर, गुरमीत सिंह, राशि ने कहा कि वह निगम को पूरा सहयोग करेंगे लेकिन नियम यह कहते हैं कि कुत्तों को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता और इन्हें इकट्ठा रखने की इजाजत भी नहीं है। एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट का ठेका लेने वाले डॉ. अनुभव ने कहा कि रैबिज या अन्य तरह की शिकायत मिलने पर कुत्तों को डॉग कपाउंड में रखा जा जा सकता है लेकिन इसके लिए भी अधिकतम 10 दिन का समय ही है।
आपरेशनों की गिनती बढ़ाएगा निगम
आवारा कुत्तोंं से राहत के लिए सभी की सलाह पर मेयर और कमिश्नर ने फैसला लिया है कि एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट के काम को बढ़ाया जाएगा। इस समय रोजाना 25 से 30 डॉग्स के आपरेशन हो रहे हैं, लेकिन इन्हें बढ़ा कर डबल किया जाएगा। हालांकि एनजीओ और डॉकटर रोजाना 100 डॉग्स की नसबंदी-नलबंदी करने की जरूरत बता रहे हैं। डॉ. एसएस भट्टी ने कहा कि 10 आपरेशन रोजाना हों तो कुत्तों की गिनती को बढऩे से रोका जा सकता है।
आडॅप्ट करने की जरूरत पर जोर
डॉग लवर्स रिंपी गुप्ता ने कहा कि स्ट्रीट डॉग्स किसी के लिए भी खतरनाक नहीं है। यह तब तक किसी को नुकसान नहीं पहुचांते जब तक इन्हें परेशान न किया जाए। अगर एक गली में फीमेल डॉग को लोग एडॉप्ट कर लें तो डॉग्स की संख्या पर नियंत्रण हो सकता है। इसके लिए लोगों को जागृत करने की जरूरत है कि डॉग्स के साथ कैसे व्यवहार करना है। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट डॉग्स को खाना देने वालों के लिए यह भी जरूरी कर दिया जाए कि वह जिस डॉग को खाना खिलाएं उसके वेक्सीनेशन की जिम्मेवारी भी उसकी हो। रिंपी गुप्ता और हरप्रीत कौर ने कहा कि डॉग्स किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। प्राब्लम डॉग्स के व्यवहार में नहीं बल्कि व्यक्ति के व्यवहार में है। डॉ. हरप्रीत सिंह ने भी फीमेल डॉग को अडॉप्ट करने की ही वकालत की है।
पिटबुल को इंजेक्शन लगाने वालों की गिनती बढ़ी
डॉ. गोपाल शर्मा ने बताया कि जबसे पिटबुल डॉग के हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, तब से पिटबुल को टीके लगवाने वालों की गिनती भी तेजी से बढ़ी है। लोग पिटबुल को टीके लगवाने के लिए अस्पताल ला रहे हैं। वहीं मीटिंग के दौरान जब कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने पूछा कि रात को जब कुत्ते गैंग बनाकर घूमते हैं तो इनका क्या इलाज किया जाए। इसके जवाब में रिंपी गुप्ता ने कहा कि अगर किसी के पास इतनी ठंड में रहने के लिए घर नहीं होगा तो वह ऐसे ही घूमेगा चाहे फिर वह डॉग हो या कोई व्यक्ति।
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