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Punjab Assembly Election: मलोट से एक तो मुक्तसर साहिब विधानसभा क्षेत्र से दो बार महिलाएं बनीं विधायक

Punjab Election 2022 श्री मुक्तसर साहिब जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों के वर्ष 1952 से लेकर वर्ष 2017 तक के इतिहास में केवल चार बार महिलाओं को टिकट मिला है। इसमें से तीन बार महिलाएं विधायक बनने में सफल हुई हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 01:57 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 01:57 PM (IST)
Punjab Assembly Election: मलोट से एक तो मुक्तसर साहिब विधानसभा क्षेत्र से दो बार महिलाएं बनीं विधायक
मुक्तसर साहिब में जिन महिलाओं को टिकट मिला है, वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हरचरण बराड़ के परिवार से ही हैं।

सुभाष चंद्र, श्री मुक्तसर साहिब। राजनीतिक पार्टियां यूं तो महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार देने की वकालत करती हैं लेकिन राजनीति के क्षेत्र में उन्हें कितना अपने बराबर समझा जाता है, इसकी मिसाल है पिछले चुनावों में टिकटों का वितरण स्पष्ट कर देता है। श्री मुक्तसर साहिब जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों के वर्ष 1952 से लेकर वर्ष 2017 तक के इतिहास में केवल चार बार महिलाओं को टिकट मिला है। इसमें से तीन बार महिलाएं विधायक बनने में सफल हुई हैं। यह टिकट भी मात्र कांग्रेस पार्टी ने दिए। इसके अलावा अन्य किसी भी राजनीतिक दल ने महिलाओं को चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं बनाया।

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2017 तक जिन महिलाओं को टिकट मिला है, वे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हरचरण सिंह बराड़ के परिवार से ही हैं। एक उनकी पत्नी गुरबिंदर कौर थीं और दूसरी उनकी पुत्रवधु करण कौर बराड़ हैं। यह भी कांग्रेस में स्व. हरचरण बराड़ के दबदबे के चलते ही संभव हो पाया था। हरचरण बराड़ की पत्नी गुरबिंदर कौर बराड़ दो बार और उनकी पुत्रवधु करण कौर बराड़ एक बार विधायक बन चुकी हैं। हालांकि करण बराड़ को दो बार टिकट मिला है। 2017 के चुनाव में वह शिअद प्रत्याशी कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी से चुनाव हार गई थीं। गुरबिंदर कौर बराड़ एक बार मलोट हलके से तो एक बार श्री मुक्तसर साहिब क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं।

श्री मुक्तसर साहिब विधानसभा क्षेत्र के इतिहास में 1952 से लेकर वर्ष 2017 तक कुल 15 चुनाव हुए हैं। जिसमें तीन बार कांग्रेस ने महिलाओं को टिकट दी है। इसके अलावा किसी पार्टी ने महिला को टिकट नहीं दिया। कांग्रेस ने वर्ष 1985 के चुनाव में हरचरण बराड़ की पत्नी गुरबिंदर कौर बराड़ को टिकट दिया गया। वह विधायक चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से हरचरण बराड़ की पुत्रवधु करण कौर बराड़ को टिकट दिया गया। वह भी शिअद प्रत्याशी को हराकर विधायक चुनी गई थीं। 2017 के चुनाव में भी करण बराड़ को ही टिकट मिला, लेकिन इस बार शिअद प्रत्याशी कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी से चुनाव हार गईं।

मलोट विधानसभा के 15 बार हुए चुनाव में जिले में पहली बार 1972 में कांग्रेस ने हरचरण सिंह बराड़ की पत्नी गुरबिंदर कौर बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। जोकि सफल रही। इसके पहले और उसके बाद वर्ष 2017 तक के चुनाव में किसी पार्टी ने महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। लेकिन इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में दो महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जिनमें कांग्रेस पार्टी से रूपिंदर कौर रूबी और आप से डा. बलजीत कौर। जबकि लंबी और गिद्दड़बाहा हलके से कभी भी किसी प्रमुख पार्टी ने महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया।


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